छत्तीसगढ़

साईं की सच्चाई बताएगी ‘संसद’

कबीरधाम | संवाददाता: साईं बाबा की सच्चाई अब संसद तय करेगी. शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती ने रविवार और सोमवार को धर्म संसद का आयोजन किया है. इस धर्म संसद में एक हज़ार से अधिक बाबा, साधु-संत-महंत एकत्र होंगे और साईं बाबा के मुद्दे पर अपनी राय रखेंगे. माना जा रहा है कि इन साधु-संतों-महंतों के अलावा 20 हज़ार दूसरे लोग भी आएंगे. आने वाले 23 लोगों को सरकार ने राज्य अतिथि का दर्जा दिया है.

इस धर्म संसद में अपना पक्ष रखने के लिये शिरडी साईं बाबा ट्रस्ट के प्रतिनिधि को भी आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा दसों अखाड़ा गोवर्धनमठ पुरी व श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य सहित हिंदूओं के चारों धाम के मुख्य पुजारियों को बुलावा गया है. यहां इस बात पर बहस होगी कि साईं बाबा ने अवतार लिया था या नहीं और वे भगवान हैं या नहीं. इसके बाद सोमवार को बनारस की विद्वत परिषद फैसला सुनाएगी.

शहर के सरदार वल्लभ भाई पटेल मैदान में इस धर्म संसद को लेकर तैयारी अब अतिम चरण में है. लगभग 20 हज़ार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. मंडी प्रांगण में लोगों के खाने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं शहर और आसपास के अधिकांश होटल, धर्मशाला बुक हो चुके हैं और साधु-संतों के आने का सिलसिला भी शुरु हो गया है. भगवाधारी लोगों की भीड़ हर सड़क पर नज़र आ रही है.

देश में आयोजित 19वीं धर्म संसद को लेकर सरकार भी बेहद सक्रिय है. सरकार ने भी इस आयोजन में भाग लेने वाले 23 साधु-संत-महंत और बुद्धिजीवियों को राज्य अतिथि का दर्जा दिया है. इनमें महामंडलेश्वर चैतन्य शंभू महाराज अहमदाबाद, हरिनारायणनंद पटना, निम्बाकाचार्य सलेमाबाद, रामानंदचार्य बड़ौदा, मार्तण्डपुरी नई दिल्ली, सर्वेश्वर चैतन्य महाराज वाराणसी, महंत राजीवलोचन दास चित्रकूट, प्रकाश मिश्र वाराणसी, विवेकानंदपुरी महाराज ओंकारेश्वर, ब्रम्हाचार्य इंदुभावानंद, अच्युतानंद महाराज भीलवाड़ा, भुवनचंद उनियाल बद्रीनाथ, नंदकिशोर नौटियाल मुंबई, केदारनाथ के श्रीनिवास पोस्ति, नई दिल्ली के अजय गौतम शामिल हैं.

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