प्रसंगवश

डोनाल्ड के डिफेंसिव डिसीजन

जेके कर
डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको-अमरीका की सीमा पर अभेद्य दीवार खड़ी करने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये हैं. इससे मेक्सिको से आने वाले शर्णार्थियों को रोका जा सकेगा. अमरीका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीकी कंपनियों को बाहर देश के लोगों को नौकरियां देने के बजाये अमरीकियों को नौकरी देने के लिये कहा है. इससे भारत के आईटी उद्योग पर असर पड़ सकता है. ट्रंप ने ओबामा केयर में कटौती के आदेश भी दिये हैं जिससे सरकारी खर्च को कम किया जा सकेगा.

राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से उन्होंने उन अमरीकी कंपनियों को फटकार लगाई है जिन्होंने अपने कारख़ाने अमरीका से विदेश भेज दिये हैं. नवनिर्वाचित अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीकी मज़दूरों को बेरोज़गार करने के लिये मेक्सिको और कनाडा के साथ हुये व्यापार समझौतों को दोषी ठहराया है.

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के बाद अमरीका को दुबारा से सपन्न तथा वैभवशाली बनाने का दावा किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको के सीमा पर बनाये जाने वाले 1000 मील लंबे अभेद्य दीवार की खर्च मेक्सिको पर ही डालने की बात भी कही है.

डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप’ से बाहर निकलने के लिये कार्यकारी आदेश जारी कर दिये हैं. अपने चुनाव प्रचार के दैरान डोनाल्ड ट्रंप ने टीपीपी को एक ‘संभावित आपदा’ करार देते हुए कहा था कि इससे अमरीका में उत्पादन क्षेत्र को नुक़सान हुआ है.

गहराई से देखा जाये तो डोनाल्ड ट्रंप दरअसल अमरीकी राष्ट्रपति निक्सन के समय रहे विदेश मंत्री हेनरी किंसिगर की उस उक्ति को ही अमली जामा पहना रहे हैं जिसमें किंसिगर ने कहा था अमरीका की विदेश नीति उसके गृह नीति के आधार पर तैयार की जाती है. किंसिगर के इस सरल कथन में गूढ़ रहस्य छिपा हुआ है. उनका इशारा इस ओर था कि अमरीका अपने देश के अंदुरुनी हालात को देखते हुये ही अपनी विदेश नीति तय करता है. अंदुरुनी हालत से तात्पर्य देश की राजनीतिक, सामाजिक तथा सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक हालत पर निर्भर करता है.

अपने राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप जितने आक्रमक रुख अपनाये हुये थे पद भार ग्रहण करते ही वे उतनी ही रक्षात्मक मुद्रा में आ गये हैं. इस कथन को सुनकर एकबारगी ऐसा लगेगा कि यह क्या कहा जा रहा है. परन्तु यदि गहराई से देखेंगे तथा सोचेंगे तो पायेंगे कि डोनाल्ड ट्रंप का पूरा जोर अमरीकी अर्थव्यवस्था को लेकर रक्षात्मक ही है. इसी कारण वे उन कंपनियों को फटकार लगा रहें हैं जिन्होंने अपने कारखाने बाहर के देशों में लगाये है.

दरअसल, व्यापारी वहीं पर कारखाना लगाना चाहता है जहां पर उसे सस्ता श्रम तथा कच्चा माल आसानी से मिल जाये. हां, इससे अमरीकी युवाओं को रोजगार न मिल सका. इसलिये जब डोनाल्ड ट्रंप देश में ही कारखाना लगाने की बात करते हैं तो इसका सीधा सा अर्थ होता है वे अमरीकियों को रोजगार मुहैय्या कराना चाहते हैं. इसमें गलत भी कुछ नहीं है. एक राष्ट्राध्यक्ष को अपने राष्ट्र के बारे में पहले सोचना चाहिये.

डोनाल्ड मेक्सिको से आने वाले शर्णार्थियों को रोकने के लिये दीवार बनाना चाहते हैं. इससे इनकी मंशा साफ है कि वे विदेशी धरती के संकट को अपने यहां आने से रोकना चाहते हैं, शर्णार्थियों पर होने वाले खर्च को कम करना चाहते हैं. ऐसी अफ़वाहें लगातार चल रही हैं कि डोनाल्ड ट्रंप कार्यकारी आदेश जारी कर शरणार्थियों के अमरीका आने पर रोक लगा देंगे. साथ ही सीरिया, इराक़ और यमन समेत सात देशों से किसी के भी आने पर पाबंदी लगा देंगे.

अब तक अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह से ताबड़तोड़ कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किये हैं उससे तो यही जाहिर होता है कि अमरीकी की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये, उनके खुद के कहे अनुसार अमरीका को फिर से संपन्न बनाने के लिये वे डिफेंसिव डिसीजन ही ले रहें हैं. इसे समझने के लिये बस जरा लीक से हटकर सोचने की जरूरत है.

फिलहाल डोनाल्ड ट्रंप देश को बचाने के लिये डिफेंसिव डिसीजन ले रहें हैं इसका हरगिज भी यह अर्थ नहीं है कि उनके आने के बाद दुनिया में शांति छा जायेगी. घरेलू मोर्चे पर निपटने के बाद उनका पूरा जोर अमरीकी अर्थव्यवस्था पर आये आर्थिक संकट को दूसरे देशों पर थोप देने का होगा. उस समय उनके आक्रमक रुख को देखकर दुनिया चौंक उठेगी.

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