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ट्रंप ने 7 देशों पर पाबंदी लगाई

वॉशिंगटन | समाचार डेस्क: अमरीकी राष्ट्रपति ने सात मुस्लिम देशों के शरणार्थियों के अमरीका आने पर 120 दिनों के लिये रोक लगा दी है. उन्होंने इस्लामिक आतंकियों के अमरीका आने पर रोक लगाने के लिये यह पाबंदी लगाई है. ट्रंप ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं. हम सिर्फ उन्हीं को अपने देश में आने देना चाहते हैं, जो हमारे देश को सहयोग देंगे और हमारी जनता से गहरा प्रेम करेंगे.” इस आदेश के माध्यम से अमरीका में सात देशों इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के शरणार्थियों के प्रवेश को 120 दिनों के लिये निलंबित कर दिया गया है.

अमरीका के नये रक्षामंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) जेम्स मैटिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ खड़े ट्रंप ने कहा है कि हम 9/11 के सबक को और पेंटागन में शहीद हुए नायकों को कभी नहीं भूलेंगे. वे हममें से सर्वश्रेष्ठ थे. हम उनका सम्मान सिर्फ अपने शब्दों से ही नहीं, बल्कि हमारे कार्यों से भी करेंगे. आज हम वही कर रहे हैं.

इस शासकीय आदेश ‘विदेशी आतंकी के अमरीका में प्रवेश से देश की सुरक्षा’ में कहा गया है कि 9/11 के बाद अमरीका ने जो कदम उठाये थे, वे आतंकियों का देश में प्रवेश रोकने में कारगर नहीं रहे हैं. इसमें कहा गया है कि विदेशों में जन्मे बहुत से लोगों को 11 सितंबर 2001 के बाद से आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में या तो दोषी करार दिया गया है या आरोपी बनाया गया है.

इनमें वे विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जो अमरीका में पर्यटक, छात्र या रोजगार वीजा लेकर आये थे या फिर अमरीका में शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम के तहत यहां आये थे. इसमें कहा गया कि कई देशों में युद्ध, भुखमरी, आपदा और असैन्य अशांति से बिगड़ती स्थिति के कारण यह आशंका बढ़ गई है कि आतंकी अमरीका में दाखिल होने के लिये कोई भी माध्यम अपनायेंगे.

इसमें कहा गया कि वीजा जारी करते समय अमरीका को सतर्क रहना चाहिये ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन्हें मंजूरी दी जा रही है, उनका इरादा अमरीकियों को नुकसान पहुंचाने का न हो और उनका संबंध आतंकवाद से न हो.

नोबेल पुरस्कार विजेता पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने इसे ‘दिल तोड़ने वाला’ बताया है. जबकि अमरीकी सिविल लिबर्टीज यूनियन ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव दर्शाने वाला कहा है.

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