राष्ट्र

ग्रामीण शौचालय बनवाने को तत्पर मोदी सरकार

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 15 अगस्त को की गई घोषणा के अनुरूप सरकार गांवों में तथा स्कूलों में शौचालय बनाने के लिये विशेष फंड का इंतजाम करने जा रही है. केन्द्र सरकार का लक्ष्य है कि एक साल के भीतर सभी स्कूलों में लड़कियों के लिये अलग से शौचालय बन जाने चाहिये. केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा स्वच्छ जल और स्वच्छता ने इसके लिये फंड को बढ़ाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में रखने जा रही है.

केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा स्वच्छ जल और स्वच्छता मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि 2019 तक सभी के लिए स्वच्छता का लक्ष्य हासिल करने में विभिन्न श्रेणियों के ग्रामीण शौचालय बनाने के लिए धनराशि बढ़ाने के उद्देश्य से एक कैबिनेट नोट तैयार किया गया है. गडकरी ने मंगलवार को यहां स्वच्छता तथा पेयजल पर राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि घरेलू शौचालयों के लिए राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये की जाएगी, स्कूली शौचालयों के लिए 35,000 रुपये की जगह 54,000 रुपये दिए जाएंगे.

इसी तरह आंगनबाड़ी शौचालयों के लिए 8,000 रुपये की जगह 20,000 रुपये तथा सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के लिए दो लाख रुपये की जगह छह लाख रुपये देने का प्रस्ताव है. गडकरी ने यह भी कहा कि ग्रामीण इलाकों में शौचालय बनाने के काम को मनरेगा से अलग कर दिया जाएगा.

उन्होंने तेजी से निर्णय लेने और समाज के सभी वर्गो से सहयोग मांगा ताकि अगले साढ़े चार वर्षो में भारत को गंदगी मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके. उन्होंने कार्यशाला में शामिल राज्यों के मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों से संघीय भाव से काम करने को कहा ताकि 2019 तक स्वच्छ भारत बनाने के परियोजना लक्ष्य को हासिल किया जा सके.

गडकरी ने इस बात की आवश्यकता पर जोर दिया कि शौचालय बनाने में गुणवत्ता हो तथा कम लागत की टेक्नॉलाजी का इस्तेमाल हो ताकि शौचालय 30 से 40 वर्ष तक टिकें.

उन्होंने कहा कि पेयजल की समस्या विशेषकर आर्सेनिक, अत्यधिक फ्लोराइड, भारी धातु तथा अन्य प्रदूषकों वाले 17 हजार बस्तियों की समस्या के बारे में उन्होंने कहा कि इस मामले से निपटने के लिए अगले दो महीनों में एक नई योजना शुरू की जाएगी और योजना पर युद्ध स्तर पर काम किया जाएगा.

इस अवसर पर पेयजल तथा स्वच्छता मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने कहा कि 15 अगस्त, 2015 तक देश के प्रत्येक स्कूल में लड़के, लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे. जैन ने कहा कि आईईसी प्रत्येक ग्रामीण बस्ती में शौचालय बनाने का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है. उन्होंने कापोर्रेट जगत से इस उद्देश्य के लिए सहयोग देने की अपील की.

जाने-माने वैज्ञानिक डॉ. आर.ए. माशेलकर ने कहा कि नए विचार केवल विचार नहीं रहने चाहिए बल्कि उन्हें भारत को आगे बढ़ाने के लिए व्यवहार में लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि गति, स्तर और सतत क्रम तीन ऐसे विचार हैं जिनको अमल में लाकर ग्रामीण भारत की तस्वीर बदली जा सकती है. डॉ. माशेलकर ने कहा कि भारतीय समस्याओं को भारत के संदर्भ में समाधान की आवश्यकता है न कि पश्चिमी नकल की.

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ग्रामीण शौचालय बनवाने को तत्पर मोदी सरकार

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 15 अगस्त को की गई घोषणा के अनुरूप सरकार गांवों में तथा स्कूलों में शौचालय बनाने के लिये विशेष फंड का इंतजाम करने जा रही है. (more…)

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