कलारचना

पोलियो के समान टीबी से लड़े: बिग बी

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: बॉलीवुड सुपरस्टार ने आव्हान् किया है कि पोलियो के सामन टीबी का भी खात्मा करें. अमिताभ बच्चन ने उन्हें जब टीबी हुआ था उसके बारें में बताते हुये टीबी के लक्षणों को बताया. अब बॉलीवुड के ‘बिग बी’ अमिताभ पोलियो के समान टीबी से जंग लड़ने के अभियान में जुट गये हैं. अमिताभ बच्चन ने सोमवार को कहा कि वह वर्ष 2000 में तपेदिक के रोगी होने के निदान से पूर्व सुबह की थकान और रीढ़ की हड्डी में तीव्र दर्द से पीड़ित थे. विश्व तपेदिक दिवस 24 मार्च से पूर्व मीडिया से बात करते हुए बिग बी ने कहा, “मुझे रीढ़ की हड्डी में तेज दर्द होता था और सुबह उठने पर मैं काफी थकान महसूस करता था.”

अमिताभ भारत सरकार की ओर से ‘कॉल टू एक्शन फॉर ए टीबी फ्री इंडिया’ के ब्रांड एम्बेसेडर के तौर पर अमरीकी दूतावास में एक कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे. कार्यक्रम का लक्ष्य तपेदिक को खत्म करने के भारत और अमरीका के संयुक्त प्रयास की गति को जारी रखना था.

बच्चन ने कहा कि टीवी कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के पहले संस्करण से थोड़े समय पूर्व वह इन समस्याओं को लेकर डॉक्टर के संपर्क में थे.

उन्होंने कहा, “जांच से मेरी रीढ़ की हड्डी में तपेदिक होने का पता चला.”

बच्चन ने कहा कि तपेदिक से पीड़ित लोगों के साथ जुड़े भेदभाव कार्यस्थल से लेकर चिकित्सा केंद्रों या घरों में कहीं भी हो सकते हैं.

उन्होंने कहा, “भेदभाव के डर से लोग समय रहते इसके लिए चिकित्सकीय मदद नहीं लेते, जिसके कारण बाद में रोग का इलाज और भी अधिक मुश्किल हो जाता है.”

उन्होंने कहा, “खुद तपेदिक से ग्रस्त होने और इससे मुक्त होने के कारण मेरा इस अभियान से गहरा जुड़ाव है. मुझे लगता है कि मैं इस बारे में जागरुकता फैलाने और इससे जुड़े कलंक को दूर करने में मदद कर सकता हूं.”

अमिताभ का मानना है कि साथ मिलकर तपेदिक को भी उसी प्रकार जड़ से उखाड़ा जा सकता है जैसे कि भारत में पोलियो को खत्म किया गया.

उन्होंने इसके लिए ‘जागरुकता, बचाव और देखभाल के लिए सामूहिक कार्रवाई’ की जरूरत बात की.

भारत में अमरीका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत सरकार और भारतीय साझेदारों के साथ काम करके अमरीकी सरकार ने भारत में तपेदिक के बचाव और नियंत्रण के लिए लगभग 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया है और पिछले 18 वर्षो में 1.5 करोड़ से भी अधिक लोगों के इलाज में मदद की है.

उन्होंने साथ ही कहा कि अमरीकी सरकार यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट, यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन और नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ के माध्यम से भारत में तपेदिक को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!