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मध्यप्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट

इंदौर | एजेंसी: मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में बुधवार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 का शुभारंभ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के सम्मेलन से हुआ. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए अलग मंत्रालय बनाने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड गठित करने की घोषणा की. केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अतिरिक्त सचिव और विकास आयुक्त अमरेन्द्र सिन्हा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के विकास के लिए पैसे की नहीं आइडिया की कमी है. अच्छे प्रस्ताव लाने पर हर स्तर पर मदद मिलती है.

सिन्हा ने यह बात ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले दिन क्लस्टर एण्ड वेंडर डेवलपमेंट पर हुए सेक्टोरल सेमीनार में कही. सिन्हा ने कहा कि क्लस्टर एंड वेंडर डेवलपमेंट के लिये उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिए इंदौर में सिंगल विंडो व्यवस्था शुरू की जायेगी.

सिन्हा ने कहा कि पूरे देश में वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि एमएसएमई के उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार के लिये इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस और काउंसिल ऑफ साइंस एण्ड इंडस्ट्रियल रिसर्च के साथ प्रोजेक्ट तैयार किया गया है.

ई एण्ड वाई एडवाइजरी सर्विसेस के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एल एल पी शशि कुमार सुन्दरराजन ने कहा कि वेंडर को शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने मार्केटिंग सपोर्ट और टेक्निकल अपग्रेडेशन स्कीम के बारे में भी जानकारी दी.

सुन्दरराजन ने कहा कि वेंडर को पूरे प्रदेश में एंकर यूनिट के साथ लिंकेज करनी चाहिए. पूर्व एडीशनल चीफ सेक्रेटरी पी.के. दाश ने प्रदेश सरकार द्वारा क्लस्टर एण्ड वेंडर डेवलपमेंट के बारे में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी.

सेमीनार में एजीएम भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड प्रभाकर दास, ईडी आई एल एण्ड एफ एस क्लस्टर कृष्ण कुमार और एम डी बेण्ड ज्वाइंटस लिमिटेड उत्तम गांगुली ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये. विशेषज्ञों ने उद्यमियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए.

पेरू के आर्थिक कॉउंसलर मेग्युएल केबेलो ने बताया कि पेरू भारत एवं मध्यप्रदेश में निवेश के लिए संभावनाएं तलाश रहा है. वर्तमान में भारत में पेरू की कंपनी एजेई कोला ड्रिंक्स बना रही है, जिसका भारत एवं मध्यप्रदेश में अच्छा व्यापार है.

केन्द्रीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री कलराज मिश्र प्रदेश में उद्यमियों को प्रशिक्षण देने के लिए 30 से 40 इनक्यूबेशन केंद्र खोलने और 150 करोड़ की लागत से एक टूल रूम खोलने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि देश में 500 इनक्यूबेशन केंद्र खुलेंगे.

समिट की अध्यक्षता करते हुए लोक सभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में विकास के अद्भुत दौर का अनुभव कर रहा है. लोक सभा अध्यक्ष ने सूक्ष्म और लघु उद्योग क्षेत्र में उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने पर जोर देते हुए कहा कि इससे मध्यप्रदेश और देश का गौरव बढ़ेगा.

केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने बताया कि सूक्ष्म और लघु उद्योगों की बैंक लोन समस्या दूर करने के लिये क्रेडिट गारंटी फंड स्थापित किया गया है. इसमें राज्यों के योगदान का दस गुना उन्हें वापस दिया जाएगा. उन्होंने मध्यप्रदेश से इस फंड में योगदान देने का आग्रह करते हुए कहा कि सूक्ष्म और लघु उद्यमियों के लिये केन्द्रीय सूक्ष्म और लघु उद्योग मंत्रालय की ओर से बैंकों को गारंटी दी जायेगी. मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया मिशन को पूरा करने में मध्यप्रदेश ने मेक इन मध्यप्रदेश मिशन बनाकर सकारात्मक पहल की है.

मिश्र ने बताया कि देश में सूक्ष्म और लघु उद्योगों का भारत के औद्योगिक विकास में 8 प्रतिशत का योगदान है. इसमें से 45 प्रतिशत निर्माण क्षेत्र में और 40 प्रतिशत निर्यात क्षेत्र में है. इस समय देश में 3 करोड़ 60 लाख इकाइयां हैं, जिनमें आठ करोड़ से ज्यादा लोगों को काम मिला है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लघु और सूक्ष्म उद्योगों के विकास के लिए अलग से मंत्रालय बनाया और इन उद्योगों को परिभाषित करने का काम किया था.

मुख्यमंत्री चैहान ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को अनावश्यक कानूनों से मुक्त किया जाएगा. प्रदेश में उद्योग व्यवसायों के लिए स्व-घोषित एक ही रिटर्न जमा करने की योजना लागू की जाएगी. लायसेंस रजिस्ट्रेशन देने की समय-सीमा निर्धारित होगी. समय-सीमा में लायसेंस रजिस्ट्रेशन जारी नहीं हुआ तो स्वत: जारी होना मान लिया जाएगा.

प्रदेश में 16 श्रम अधिनियम के तहत संधारित की जाने वाली 61 पंजी के स्थान पर एक ही पंजी की व्यवस्था लागू की जायेगी. इसी तरह 13 रिटर्न के स्थान पर 2 रिटर्न ही भरने होंगे. नौ श्रम कानून के प्रावधानों से सूक्ष्म उद्योगों को छूट दी जायेगी.

कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को वर्ष 2011-12 तथा वर्ष 2012-13 के लिये राज्य स्तरीय पुरस्कार दिए गए. वर्ष 2011-12 के लिये प्रथम पुरस्कार मेसर्स रामा वुड क्राट-सतना, द्वितीय पुरस्कार मेसर्स कम्फर्ट सिस्टम-भोपाल और तृतीय पुरस्कार मेसर्स पेकर्स प्रायवेट लिमिटेड- उज्जैन को दिया गया.

वर्ष 2012-13 के लिये प्रथम पुरस्कार मेसर्स माइका प्लाई-मण्डीदीप, द्वितीय पुरस्कार मेसर्स यूनाईटेड इंजीनियरिंग-भोपाल तथा तृतीय पुरस्कार मेसर्स भंवरदीप कापर स्ट्रिप लिमिटेड-मंडीदीप को दिया गया. कार्यक्रम में लेंड बेंक 2014 पुस्तिका का विमोचन किया गया.

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