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बिहार में भाजपा ने झोंकी ताकत

गुलाम नबी नबी आजाद ने कहा है कि भाजपा बिहार चुनाव में पैसा और ताकत का इस्तेमाल कर रही है. प्रधानमंत्री के साथ 24 केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष के साथ 18 हेलीकॉप्टरों का जत्था लगा है.

बिहार में चुनाव प्रचार करने के लिए पटना पहुंचे आजाद ने एक विशेष बातचीत में कहा कि भाजपा बिहार में इस तरह चुनाव प्रचार कर रही है, जैसे युद्ध में हमला कर रही हो.

उन्होंने कहा कि ज्यादातर केंद्रीय मंत्री पटना में डेरा डाले हुए हैं. होटलें बुक हैं. भाजपा के नेता अकेले 40 सीटर प्लेन से आ रहे हैं और फिर शाम को वापस दिल्ली जा रहे हैं. हवाईअड्डे पर इन नेताओं की सुरक्षा में जवानों का जमावड़ा लगा रहता है. बड़े पूंजीपतियों का यह पैसा भी इस चुनाव में भाजपा की नैया पार नहीं करा सकेगा. उन्होंने कहा, “यह सब उनके अंहकार और गुरूर का प्रतीक है.”

भाजपा नेताओं द्वारा नीतीश को अहंकारी कहे जाने पर उन्होंने कहा कि नीतीश तो सीधे-साधे आदमी हैं, उनमें कहीं से अहंकार नहीं है. नीतीश की पहचान विकास के रूप में की जाती है. उन्होंने बिहार में विकास के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं.

लालू और नीतीश द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा मंच साझा नहीं किए जाने के सवाल पर कहा कि कई राज्यों में 40 वर्षो से कांग्रेस गठबंधन में हैं. वहां भी नेता मंच साझा नहीं करते, तब ऐसे प्रश्न नहीं उठते. उन्होंने कहा कि सभी नेता अपने-अपने प्रचार में लगे हैं, जिससे अधिक से अधिक क्षेत्रों में पहुंचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में महागठबंधन के लिए विकास ही मुद्दा है.

आजाद ने कहा कि महागठबंधन में शामिल दलों के नेताओं के ही नहीं, कार्यकर्ताओं के भी दिल मिले हैं. ग्राउंडलेवल तक सभी कार्यकर्ता एक-दूसरे के उम्मीदवारों को विजयी बनाने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि नेताओं के दिल से कई गुणा ज्यादा कार्यकर्ताओं के दिल मिले हैं.

लालू के ‘जंगलराज’ के प्रश्न पर आजाद ने कहा कि ऐसा नहीं कि लालू विकास के विरोधी हैं. उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार में रेल मंत्रालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं कि लालू मंत्रालय और सरकार नहीं चला सकते. सभी नेता विकास करना चाहते हैं.”

बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से कांग्रेस केा मात्र 41 सीटों पर चुनाव लड़ने के विषय में पूछे जाने पर आजाद कहते हैं, “कांग्रेस को अपनी मजबूती और मजबूरी का अहसास है. गठबंधन तभी किया जाता है जब दल को मालूम होता है कि वह अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है. यह कोई नई बात नहीं है.”

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, राजीव गांधी ने भी गठबंधन किया था, भाजपा ने भी छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है.

लालू के बीफ वाले बयान से महागठबंधन को नुकसान की बात को नकारते हुए आजादा ने कहा कि लालू ने गोमांस नहीं, बल्कि बीफ की बात कही थी. बीफ अन्य जानवरों के मांस को भी कहा जाता है. उन्होंने भाजपा पर ‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण’ की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में दिल है वही स्थान भारत में धर्मनिरपेक्षता का है.

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने कभी भी सांप्रदायिक शक्तियों को सिर उठाने का मौका नहीं दिया, अब भी नहीं देंगे. बकौल आजाद, “बिहार में पहले से ही जातिवाद है और ऊपर से संप्रदायवाद भी आ गया तो…”

आजाद ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहले देश में दंगे नहीं होते थे, लेकिन उस समय भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं को पार्टी से या पार्टी के पदों से हटाकर सजा दी जाती थी, मगर अब ऐसा नहीं होता.

उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, जदयू और राजद महागठबंधन के तहत चुनाव मैदान में है. मुख्य मुकाबला महागठबंधन और राजग के बीच माना जा रहा है. कई और भी गठबंधन जोर आजमाइश कर रहे हैं.

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