स्वास्थ्य

स्वास्थ्य बजट में कमी

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: लोक स्वास्थ्य में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस बार बजट में 5.7 फीसदी की कमी करने की घोषणा की है. इसी के साथ देश में आयुष के विकास पर जोर दिया. आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध व होम्योपैथी, आयुष मंत्रालय को 1,214 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. आयुष पिछले साल तक स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत एक विभाग था, लेकिन मोदी सरकार ने अलग कर इसे एक अलग से मंत्रालय बना दिया. सरकार उपचार की इस प्राचीन विधि को जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित कर रही है.

केंद्रीय बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा, “मैं स्वास्थ्य क्षेत्र में 33,152 करोड़ रुपये आवंटित करता हूं. मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वह अपने बढ़े हुए संसाधन का इस क्षेत्र में प्रभावी रूप से इस्तेमाल करें.”

स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के आवंटन में 9.2 फीसदी की बढ़ोतरी कर उसे 1,018.17 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 932 करोड़ रुपये था. वहीं स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के आवंटन में दो फीसदी की बढ़ोतरी कर 29,653 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 29,042 करोड़ रुपये था.

एड्स नियंत्रण विभाग के आवंटन में 7.4 फीसदी की वृद्धि कर 1,397 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 1,300 करोड़ रुपये था.

सरकार ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुधारने के उद्देश्य से देश में छह और एम्स जैसे संस्थान की स्थापना को मंजूरी दी है.

जेटली ने शनिवार को लोकसभा में कहा, “मैं वित्तीय वर्ष 2015-16 में जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, बिहार और असम में एम्स की शाखाएं स्थापित करने का प्रस्ताव रखता हूं.”

छह राज्यों में एम्स की छह और शाखाएं खुलने के बाद देश भर में एम्स की कुल 14 शाखाएं होंगी.

एम्स की सभी शाखाएं दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तर्ज पर स्थापित की जाएंगी, जो संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के तहत स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में संपूर्णता से उत्कृष्ट सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एक स्वायत्त संस्था के रूप में 1956 से संचालित है.

एम्स उत्तर भारत के सर्वोत्कृष्ट सरकारी अस्पताल के रूप में जाना जाता है, जहां 2,200 बिस्तर क्षमता है और प्रतिदिन 10,000 मरीजों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है.

कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने इससे पहले बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में एम्स जैसे अस्पताल 332 करोड़ प्रति शाखा की लागत पर स्थापित करने की मंजूरी दी थी.

वित्त मंत्री ने इस बात से आश्वस्त किया है कि इन संस्थानों का निर्माण कम से कम समय में किया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!