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विदेशों में कितना काला धन?

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: तीन नामों के खुलासे के बाद सवाल उठता है कि विदेशों में भारतीयों का कितना काला धन जमा है. केंद्र सरकार ने सोमवार को स्विस बैंक में खाता रखने वाले तीन नामों का खुलासा भले कर दिया, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर विदेशी बैंकों में भारतीयों का कितना काला धन जमा है. सरकार ने काले धन पर कुछ श्वेतपत्र जरूर जारी किए हैं, लेकिन कुल राशि के बारे में सिर्फ अनौपचारिक अनुमान ही सामने आ पाए हैं, और इन अनुमानों में काफी अंतर है.

पूर्व उपप्रधानमंत्री और पूर्व गृहमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण अडवाणी ने 2011 में विपक्ष के नेता रहते हुए एक आंकड़ा 28 लाख करोड़ रुपये का दिया था.

उन्होंने कहा था कि यह आंकड़ा उन्होंने ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी के एक अध्ययन से लिया है. यह वाशिंगटन की एक गैर लाभकारी संस्था है, जो अवैध वित्तीय प्रवाह पर शोध और बहस चलाती है.

आडवाणी ने यह भी कहा था कि अवैध विदेशी खाता वाले 782 भारतीयों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं.

आडवाणी की अपनी ही पार्टी ने एक अनुमान 500 अरब डॉलर से 1,400 अरब डॉलर का दिया था.

2012 में केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश श्वेतपत्र में कहा गया था कि भारतीयों का स्विस बैंक में कुल 2.1 अरब डॉलर जमा है.

यहां तक कि एक रिपोर्ट में स्विस बैंकिंग एसोसिएशन की 2006 में जारी एक कथित रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि भारतीयों का 1,460 अरब डॉलर काला धन विदेशों में जमा है. बाद में स्विस बैंक के अधिकारियों ने हालांकि कहा कि बैंक ने कभी ऐसी कोई रिपोर्ट जारी नहीं की है.

ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी की मई 2014 की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “अवैध धन का देश से बाहर जाना भारत की एक गंभीर समस्या है. जीएफआई शोध के मुताबिक 2002 से 2011 के बीच भारत ने अवैध धन के देश से बाहर जाने के कारण 343.9 अरब डॉलर खोया है. साथ ही भारत अवैध धन के देश से बाहर जाने के मामले में तैयार की गई एक सूची में पांचवें स्थान पर है और सर्वाधिक प्रति व्यक्ति जीडीपी वाले शीर्ष 10 देशों में सबसे गरीब है.”

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