युवा जगत

युवाओं के लिए अलग हैं आज़ादी के मायने

नई दिल्ली | एजेंसी: आज के युवाओं की आजादी की परिभाषा अलग है. किसी के लिए आजादी के मायने भ्रष्टाचार से मुक्ति, किसी के लिए अपराध से मुक्ति तो किसी के लिए आजादी का मतलब बंधनों से मुक्ति है.

दिल्ली विश्वविद्यालय की जर्मन ऑनर्स की छात्रा ईशा कपूर कहती हैं “मैं बिना पूछताछ के कहीं भी जाने, कुछ भी करने की आजादी चाहती हूं. ऐसी आजादी जिस पर एक लड़की होने की वजह से रोक न लगाई जाए.”

ईशा की तरह ही बहुत से छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जो यह मानते हैं कि आजादी के 66 साल बाद भी जब एक महिला डर और असुरक्षा में जी रही है तो 67वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव कैसे मनाया जा सकता है?

दिल्ली विश्वविद्यालय में ही विधि विभाग की छात्रा ज्योति ने गुस्से से प्रश्न करते हुए कहा, “अगर हमारे पास आजादी से कहीं जाने का अधिकार नहीं है, हमारे मनों में हमेशा डर ही है तो कैसा स्वतंत्रता दिवस, कैसी आजादी?”

कला विभाग की अंग्रेजी की छात्रा टेरेसा जॉस्मीन ने कहा, “मेरे लिए स्वतंत्रता का मतलब है कि मैं जैसी हूं मुझे वैसा स्वीकार किया जाए और सारे अपराधों और आपात्तियों से मुक्त रहूं.” बौद्ध अध्ययन के छात्र अखिलेश मिश्रा का कहना है, “हमारे देश में स्वतंत्रता को परिभाषित करना बहुत कठिन है लेकिन मैं बिना किसी डर और रोक-टोक के अपनी संस्कृति के अनुसरण का अधिकार चाहता हूं.”

जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र विपिन तिवारी का कहना है कि आजादी का एक ही मतलब है राजनीतिक स्वतंत्रता, भ्रष्टाचारमुक्त राजनीति.

जीसस एंड मैरी कॉलेज में अंग्रेजी ऑनर्स की छात्रा आरुषि पुनिया का कहना है, “अभी भी बौद्धिक और पूंजीवादी उपनिवेशवाद है, हमें इससे आजादी पानी है.” वहीं दिल्ली के हिंदू कॉलेज के राजनीति विज्ञान के छात्र सिद्धार्थ चक्रवर्ती का कहना है, “अगर देश की वायु प्रदूषणमुक्त है तो यह मेरे लिए आजादी का दिन है.”

जामिया मिल्लिया इस्लमिया के 19 वर्षीय छात्र बलराम सिंह का मानना है कि स्वतंत्रता का मतलब बंधनों से आजादी है, ताकि आप अपने सपने पूरे कर सकें. आईएएस की तैयारी कर रहे नरेश छेत्री मानते हैं, “आजादी तब है जब आपके मन में कोई डर न हो.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!