छत्तीसगढ़

एग्जिट पोल में भाजपा-कांग्रेस बराबर

नई दिल्ली | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस बरारबरी पर रहेंगी. इंडिया टुडे-सी वोटर ओपिनियन पोल में यह बात सामने आई है. मतलब ये कि रमन सिंह की सरकार छत्तीसगढ़ में जितनी आसानी से मैदान फतह करने की सोच रही है, मामला उतना आसान नहीं है.

यह सर्वेक्षण देश के सभी 28 राज्यों में इंडिया टुडे ग्रुप और सी-वोटर की ओर से किया गया था. 2 अगस्त 2013 से लेकर 10 अगस्त 2013 तक 15 हजार 815 सैंपल लिए गए. इनके आधार पर पूरे आंकड़े तैयार किया गए. दावा किया गया है कि इस सर्वेक्षण में गलती की संभावना 3 प्रतिशत कम या ज्यादा हो सकती है.

इस एग्जिट पोल के अनुसार आज की हालत में नवंबर 2013 में संभावित विधानसभा चुनाव में 90 में से कांग्रेस 4 सीटों की बढ़त के साथ कुल 42 सीटें पायेगी, जबकि भाजपा को 5 सीटों का नुकसान हो सकता है और वह 45 सीटों पर आ जायेगी. इसी तरह बसपा को 2 सीटें मिल सकती हैं.

2008 में कांग्रेस को 38 सीटें मिली थीं. उस समय भी कांग्रेस को 2003 के मुकाबले 4 सीटों पर बढ़त हासिल हुई थी. 2008 में भाजपा के 50 उम्मीदवार जीत कर विधानसभा पहुंचे थे, जो 2003 के मुकाबले 5 कम था. 2003 और 2008 में बसपा को 2-2 सीटें मिली थीं. 2008 में कांग्रेस पार्टी को 38 फीसदी वोट मिले थे और इस बार एक्जिट पोल में 40 फीसदी वोट मिलने के आसार जताये गये हैं.

यह सर्वेक्षण सत्ताधारी भाजपा के लिये इस मामले में भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्वेक्षण के अनुसार इस साल केवल 1 प्रतिशत वोट के अंतर से ही हार-जीत तय होगा.

हालांकि रमन सिंह के लिये यह सुखद होगा कि बतौर मुख्यमंत्री 42 प्रतिशत लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिये सर्वथा योग्य बताया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को 21 प्रतिशत और चरणदास महंत को 12 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी पर मुहर लगाई है. हालांकि रायपुर के विधायक और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को केवल 5 प्रतिशत लोगों ने ही मुख्यमंत्री पद के लिये अपनी पसंद बताया है.

इस सर्वे की मानें तो पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से सरकार बनायेंगे. ये और बात है कि उन्हें 21 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है और वह 21 सीटें कांग्रेस के पाले में जा रही हैं. फिर भी भाजपा को 122 सीटें मिलने की संभावना है. कुल सीटें 230 हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस को 2008 में 71 सीटों पर जीत मिली थी तो इस पोल में 92 सीटें मिल रही हैं. भाजपा को 2008 में 143 की बजाय अब 122 सीटें मिल रही हैं.

200 सीटों वाले राजस्थान में वसुंधरा राजे को पिछली बार से 19 सीटें अधिक मिलेंगी और भाजपा का आंकड़ा 97 तक पहुंच जायेगा. कांग्रेस को यहां 17 सीटों का नुकसान होगा और कांग्रेस 79 पर पहुंच जायेगी. राजस्थान में बसपा को भी 5 सीटें मिलेंगी. अन्य 19 निर्दलीय या क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवारों को विधानसभा में पहुंचने की उम्मीद इस सर्वेक्षण में की गई है.

इसी तरह 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में शीला दीक्षित को 2008 की 43 सीटों के मुकाबले केवल 28 सीटें मिलेंगी, वहीं अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी 9 सीटों पर कब्जा कर सकती है. पिछली विधानसभा में 23 सीट पाने वाली भाजपा को इस बार 5 सीटों का लाभ होगा और वह 28 तक पहुंच सकती है.

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