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भारत-वियतनाम के बीच 7 समझौते हुए

हनोई | एजेंसी: भारत और वियतनाम ने विभिन्न क्षेत्रों में सोमवार को सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इनमें दोनों देशों की राजधानियों के बीच सीधी उड़ान सेवाएं, तेल की खोज और रक्षा उपकरण खरीदने के लिए ऋण संबंधित समझौते शामिल हैं. भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और वियतनामी राष्ट्रपति त्रुआंग तान सांग की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच इन सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.

समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के नेता राजनीतिक, रक्षा एवं सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सांस्कृति एवं दोनों देशों की जनता के बीच आपसी संपर्क, तकनीकी सहयोग और बहुपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग पर केंद्रित सामरिक साझेदारी के आधार पर द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत व घनिष्ठ बनाने पर सहमत हुए हैं.

दोनों देशों के नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है.

उन्होंने इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच मौजूदा सहयोग पर संतोष जताया और कहा कि भारत द्वारा सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए वियतनाम को 10 करोड़ डॉलर के ऋण से संबंधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे.

हवाई सेवा से संबंधित समझौता जेट एयरवेज और एयर वियतनाम के बीच हुए, जबकि प्रमुख तेल कंपनी ओएनजीसी की विदेश शाखा ओवीएल और पेट्रो वियतनाम के बीच वियतनाम से लगे समुद्र में दो अतिरिक्त तेल कुंओं की खोज के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुए.

अन्य प्रमुख समझौतों में कृषि सहयोग, पशु स्वास्थ्य में सहयोग, सीमा शुल्क सहयोग और युवा मामलों व कौशल विकास के क्षेत्र में किए गए.

जेट एयरवेज के अध्यक्ष नरेश गोयल ने यहां हुए हवाई सेवा समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि वियतनाम के लिए हर दिन सीधी उड़ान होगी और यह सेवा बेहद लाभप्रद साबित होगी.

उन्होंने कहा कि सीधी उड़ान सेवा पांच नवंबर से शुरू होगी और इसके लिए बुकिंग शुरू हो चुकी है.

गोयल ने इस पहल की सफलता पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा, “बोइंग 737-800 सेवा में लगाई जाएगी और यह हर दिन उड़ान भरेगी.”

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चार दिवसीय वियतनाम यात्रा के तहत रविवार को वियतनाम पहुंचे हैं.

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