खेल

IPL में फिक्सिंग का भूत

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: क्रिकेट के सबसे चर्चित और धनी लीग-इंडियन प्रीमियर लीग में सट्टेबाजी ने फिर से दस्तक दी है. एक बार फिर राजस्थान रॉयल्स टीम के खिलाड़ी को इसकी गिरफ्त में लेने का प्रयास किया गया लेकिन उस खिलाड़ी ने खेल और इस लीग के प्रति पूरी ईमानदारी दिखाते हुए समय रहते इसकी जानकारी टीम प्रबंधन को दे दी. इसके बाद राजस्थान रॉयल्स प्रबंधन ने शुक्रवार को इस बारे में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि मंगलवार को शुरू हुए लीग के आठवें संस्करण का एक मैच फिक्स करने के लिए उसके एक खिलाड़ी से सट्टेबाजों ने संपर्क किया था.

बीसीसीआई ने भी इसकी पुष्टि की है. बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा इस मामले की जांच चल रही है.

टीम की तरफ से यह प्रतिक्रिया अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपे उस खबर के बाद आई है जिसमें यह कहा गया है कि राजस्थान रॉयल्स के एक खिलाड़ी से उसकी ही रणजी ट्रॉफी टीम के एक साथी खिलाड़ी ने मैच फिक्स करने के बदले पैसे देने का प्रस्ताव रखा था. जिस खिलाड़ी से सम्पर्क किया गया, वह मुम्बई का है.

खिलाड़ी ने हालांकि उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और इसकी सूचना टीम प्रबंधन को दी. इसके बाद राजस्थान रॉयल्स टीम प्रबंधन इसकी सूचना भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड, बीसीसीआई के भ्रष्टाचार-रोधी और सुरक्षा इकाई, एसीएसयू को दे दी.

राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रघु अय्यर ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, “करीब एक महीने पहले राजस्थान रॉयल्स के एक खिलाड़ी से एक दूसरे खिलाड़ी ने संपर्क किया था. हमारे खिलाड़ी ने ईमानदारी का बेहतरीन नमूना पेश करते हुए प्रबंधन को इसकी सूचना दी. टीम प्रबंधन ने भी आईपीएल के नियमों के तहत तत्काल इस घटना की सूचना बीसीसीआई के एसीएसयू को दे दी.”

अय्यर ने उक्त घटना की जानकारी टीम प्रबंधन को दिए जाने के लिए खिलाड़ी की प्रशंसा की और कहा, “राजस्थान रॉयल्स उस खिलाड़ी की सराहना करता है जिसने तत्काल उस बात से हमे अवगत कराया. उस खिलाड़ी के इस व्यवहार की प्रशंसा की जानी चाहिए.”

अय्यर ने साथ ही कहा कि टीम प्रबंधन एसीएसयू द्वारा आगे की जाने वाली जांच में पूरा सहयोग करेगा.

अय्यर के अनुसार, “टीम प्रबंधन ने सट्टेबाजी के खिलाफ तत्काल अपनी मंशा जाहिर करते हुए इस घटना की सूचना एसीएसयू को दे दी थी ताकि आगे की जांच की जा सके. राजस्थान रॉयल्स बीसीसीआई को आगे भी पूरा सहयोग देना जारी रखेगा ताकि क्रिकेट का साफ-सुथरे वातावरण में ्रखेला जा सके.”

अय्यर के मुताबिक कि यह घटना बताती है कि अगर खिलाड़ी और प्रबंधन तत्काल इस तरह की बातों की सूचना देते हैं तो खेल को ऐसी गतिविधियों से दूर रखा जा सकता है.

दूसरी ओर, इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ठाकुर ने कहा, “राजस्थान रॉयल्स टीम के एक खिलाड़ी के साथ सोचे समझे तरीके से सम्पर्क किया गया. खिलाड़ी ने इस बारे में टीम प्रबंधन को इत्तेला किया. अब टीम प्रबंधन ने इस मामले को एसीएसयू और बीसीसीआई के सामने जाहिर किया है. बीसीसीआई और एसीएसयू इसकी जांच कर रहे हैं. हम कुछ बातों की जांच कर रहे हैं.”

सट्ट्बाजों द्वारा खिलाड़ी से सम्पर्क किए जाने की घटना ने 2013 के आईपीएल के दौरान घटी स्पॉट फिक्गिंस और सट्टेबाजी की उस घटना की यादें ताजा कर दी हैं, जिसने कई खिलाड़ियों का करियर समाप्त कर दिया.

उस घटना में राजस्थान रॉयल्स के ही कई खिलाड़ी शामिल थे. दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में टेस्ट खिलाड़ी शांताकुमारन श्रीसंत, अजीत चंदेला और अंकित चव्हाण को गिरफ्तार किया था.

बीसीसीआई की जांच के बाद श्रीसंत और चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगा जबकि चंदेला का मामला अब भी लंबित है.

बाद में एक अलग मामले में मुम्बई पुलिस ने चेन्नई सुपर किंग्स के टीम अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन को गिरफ्तार किया. मयप्पन उस समय बीसीसीआई प्रमुख रहे एन. श्रीनिवासन के दामाद हैं.

मयप्पन और राजस्थान रायल्स के सहमालिक राज कुंद्रा को सर्वोच्च न्यायालय ने सट्टेबाजी का दोषी पाया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!