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जाट आंदोलन: हरियाणा में हाई अलर्ट

चंडीगढ़ | समाचार डेस्क: हरियाणा को जाट आंदोलन के मद्देनज़र हाई अलर्ट पर रखा गया है. सीआरपीएफ की 55 टुकड़ियों को पहले ही तैनात कर दिया गया है तथा सोनीपत जिलें में धारा 144 लागू कर दी गई है. जाट बहुलता वाले रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, पानीपत और कैथल पर विशेष नज़र रखी जा रही है. सरकार जाट आंदोलनकारियों द्वारा फरवरी माह में किये गये तोड़फोड़ तथा रेप की घटनाओं के कारण सावधान हो गई है. हरियाणा में जाट समुदाय के एक वर्ग द्वारा आरक्षण देने की मांग को लेकर दोबारा आंदोलन शुरू करने की हुंकार भरने के मद्देनजर रविवार को हरियाणा के नौ जिलों में हाई अलर्ट है. जाट समुदाय ने आरक्षण लागू करने के लिए हरियाणा सरकार को 15 दिनों की मोहलत दी है.

रिपोर्टों में कहा गया है कि आंदोलनकारियों ने इस बार शहरों की जगह ग्रामीण क्षेत्रों में आंदोलन शुरू किया है. आंदोलनकारियों ने हिसार जिले के मय्यर गांव, भिवानी जिले के धानाना गांव, रोहतक जिले के जसिया गांव, जींद जिले के झांझ खुर्द गांव, पानीपत जिले के मटलोडा गांव और रेवाड़ी जिले के प्राणपुरा बवाल गांव में विरोध रैली शुरू की.

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राम निवास ने कहा कि आंदोलनकारियों से निपटने के लिए अर्धसैनिक बल की 55 टुकड़ियां तैनात की गई हैं.

अर्धसैनिक बलों और हरियाणा के पुलिसकर्मियों को राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गो और रेल पटरियों की हिफाजत के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है.

उन्होंने कहा, “अगर लोग उन जगहों पर धरना या प्रदर्शन करेंगे, जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यदि किसी नेता और अन्य शख्स की वजह से ऐसी जगहों पर कोई अप्रिय घटना घटी, तो वही इसके लिए जिम्मेदार होंगे. प्रदर्शनों और धरनों के लिए पहले से ही स्थान निर्धारित किए गए हैं.”

जिन जिलों में हाई अलर्ट है, उनमें रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, पानीपत और कैथल है.

सोनीपत जिले में धारा 144 लागू है, जिसके तहत पांच या इससे अधिक एक जगह पर एकत्रित नहीं हो सकते.

स्थानीय प्रशासन ने किसी भी तरह के तनाव, लड़ाई, जान संबंधी खतरे, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और कानून एवं व्यवस्था बिगड़ने से रोकने के लिए सोनीपत जिले में सभी इंटरनेट सेवाएं प्रतिबंधित कर दी हैं.

जाट नेताओं के एक धड़े ने हाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा जाट एवं अन्य समुदायों को आरक्षण देने की अधिसूचना पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाने के बाद दोबारा आंदोलन शुरू कर दिया है.

ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने दोबारा आंदोलन करने की हुंकार भरी है.

हालांकि ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति नेता यशपाल मलिक ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को आश्वासन दिया है.

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