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आचार संहिता में नहीं है बैठकों पर रोक-ज्यां द्रेज़

रांची | संवाददाता: दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ का कहना है कि चुनाव के दौरान सामाजिक मुद्दे पर अधिक से अधिक बात करने की जरुरत है. इसी से हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा.

गौरतलब है कि दो दिन पहले ज्यां द्रेज़ को गढ़वा के एक इलाके में सामाजिक संगठनों की बैठक के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार किया था. हालांकि देश भर में हुये विरोध के बाद उन्हें तीन घंटे बाद निःशर्त रिहा कर दिया गया. इसके बाद ज्यां द्रेज़ ने पास के ही इलाके में ग्रामीणों की बैठक ली और सामाजिक सुरक्षा व खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ग्रामीणों के साथ चर्चा की.

मनरेगा और खाद्य सुरक्षा जैसे मामलों के योजनकारा माने जाने वाले ज्यां द्रेज़ ने कहा कि उन्हें गढ़वा में सामाजिक संगठन की बैठक में भाग लेने पर गिरफ्तार किया गया था, जो पूरी तरह से आचार संहिता कानून का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में आम जनता के पास अपना पक्ष रखने की आजादी है. चुनाव आचार संहिता में भी इस आजादी को बरकरार रखा गया है.

ज्यां द्रेज ने कहा कि उन्होंने आचार संहिता के एक-एक शब्द को पढ़ा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की चुनाव आचार संहिता में कहीं भी यह दर्ज नहीं है कि आम जनता के साथ बैठक नहीं की जा सकती. कहीं भी यह दर्ज नहीं है कि ऐसी किसी बैठक से पहले किसी से अनुमति लेना जरुरी है.

उन्होंने कहा कि कलेक्टर या डीएम के आदेश से अगर धारा 144 लागू हो तो स्थितियां अलग हैं. लेकिन इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं होता.

उन्होंने कहा कि कोड ऑफ कंडक्ट केवल राजनीतिक दलों के लिये है. राजनीतिक दलों की गतिविधियां किस तरह की होंगी, उसमें केवल यही बात दर्ज है. वे गढ़वा की जिस बैठक में शामिल होने के लिये पहुंचे थे, वहां किसी राजनीतिक दल या नेता के होने का प्रश्न ही नहीं था.

उन्होंने कहा कि रोजगार गारंटी, भूख, बेरोजगारी, राशन जैसे कई मुद्दे हैं, जिन पर इस चुनावी समय में और अधिक बात करने की जरुरत है.

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