राष्ट्र

JNU से कन्हैया की SYSTEM को ललकार..

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: जेल से रिहा होने के बाद कन्हैया कुमार ने जेएनयू से व्यवस्था को ललकारा. अपने भाषण के अंत में कन्हैया कुमार ने उन नारों को फिर से दोहराया जिन्हें कथित रूप से संपादित कर उन्हें देशद्रोही साबित करने की कोशिश की गई है. कन्हैया कुमार के गुरुवार के भाषण ने अमरीका तथा फिडेल कास्त्रो के लड़ाई की याद फिर से दिला दी.

उल्लेखनीय है कि अमरीकी एजेंसी सीआईए ने कई बार क्यूबा के राष्ट्रपति फिडेल कास्त्रो को मारने की असफल कोशिशें की थी. एक बार तो उनके सिगार में जहर मिला दिया गया था ताकि उसे पीते ही उऩकी मृत्यु हो जाये परन्तु फिडेल ने अमरीकी साजिश को मात दे दी. उसके अगले ही दिन अमरीका के प्रमुख अख़बारों में फिडेल की क्यूबन सिगार को पीते हुये हंसती हुई तस्वीर छपी थी. जिससे साबित हो गया था कि अमरीका के गुरु जासूस तथा सीआईए प्रमुख एलेन डलेस की साजिशें उन्हें और मजबूती के साथ दुनिया में पेश कर रही हैं.

कन्हैया कुमार ने अपने ओजस्वी भाषण में स्पष्ट किया किया कि उन पर देशद्रोह का झूठा आरोप लगाकर जेएनयू में एक विचारधारा कब्जा करना चाहती है. इसके लिये बकायदा साजिश रची गई थी जिसका उन्होंने अपने भाषण में खुलासा किया. अपने भाषण के साथ ही कन्हैया कुमार एक ‘नेशनल हीरो’ के रूप में सोशल मीडिया पर छा गये. जी न्यूज को छोड़कर सभी प्रमुख टीवी चैनलों ने कन्हैया कुमार के भाषण को लाइव दिखाया. कन्हैया कुमार के भाषण के वक्त लगातार तिरंगा झंडा लहराकर जेएनयू ने इस बात की घोषणा की कि उन्हें देश से नहीं, देश में आज़ादी चाहिये.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार गुरुवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए. उन्हें 20 दिन पहले ‘देशद्रोह’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कन्हैया जब विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे तो वहां उसका छात्रों एवं शिक्षकों ने स्वागत किया. कन्हैया के स्वागत में बड़ी तादाद में छात्र नारेबाजी कर रहे थे और हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे. कन्हैया के पहुंचते ही अचानक स्ट्रीट लाइटें बंद हो गईं जिससे वहां अंधेरा छा गया, लेकिन छात्रों ने रोशनी का इंतजाम कर कन्हैया का स्वागत किया.

कन्हैया कुमार का पूरा भाषण-

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