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किंगफिशर के हवाई अड्डे छीने

नई दिल्ली: किंगफिशर एयरलाइंस की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं. आईपीएल कराने और मॉडलों के कैट वॉक में व्यस्त रहने वाले किंगफिशर के लिये यह खबर दुखद हो सकती है कि नागर विमानन मंत्रालय ने किंगफिशर एयरलाइंस के द्विपक्षीय यातायात अधिकार और घरेलू स्लॉट वापस ले लिये हैं.

नागर विमानन मंत्री अजीत सिंह ने किंगफिशर एयरलाइंस को आवंटित किए गए सभी अंतर्राष्ट्रीय द्विपक्षीय यातायात अधिकार तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है.

इस अधिकार के तहत किंगफिशर एयरलाइंस को 8 देशों के लिए उड़ान भरने की अनुमति थी. इनमें से बांग्लादेश (प्रत्येक सप्ताह 14 सेवा), हांगकांग (प्रत्येक सप्ताह 14 सेवा) , नेपाल (प्रत्येक सप्ताह 7 सेवा), सिंगापुर (प्रत्येक सप्ताह 7 सेवा), श्रीलंका (प्रत्येक सप्ताह 14 सेवा + प्रत्येक सप्ताह असीमित 18 गणतव्य स्थानों से 21 सेवा), थाईलैंड (प्रत्येक सप्ताह 21 सेवा), संयुक्त अरब अमीरात, दुबई (प्रत्येक सप्ताह 21 सेवा) और ब्रिटेन के लिए (हर सप्ताह मुंम्बई, दिल्ली, और बंगलूरू से प्रत्येक से 7 सेवा) उड़ान शामिल हैं. किंगफिशर एयरलाइंस को यातायात के ये अधिकार वर्ष 2008 और वर्ष 2011 के बीच दिए गए थे.

किंगफिशर एयरलाइंस से अंतर्राष्ट्रीय यातायात अधिकार उसके द्वारा इन मार्गों का इस्तेमाल न किए जाने की वजह से वापस लिया गया है. नागर विमानन मंत्री ने इस अंतर्राष्ट्रीय यातायात अधिकार को अन्य विमानन कंपनी को इस्तेरमाल के लिए उपलब्धत कराने का फैसला किया है. इससे इन 8 देशों के लिए दूसरी भारतीय विमानन कंपनियां हर सप्ताह करीब 25 हजार अतिरिक्त सीटें उपलब्ध करा पाएंगी. इनमें से कुछ की इन विमानन कंपनियों में काफी मांग है.

इसी प्रकार किंगफिशर एयरलाइंस को विभिन्न हवाई अड्डों से घरेलू उड़ानों के लिए दिए गए डॉमेस्टिक स्लॉट को वापस लेने का फैसला किया गया है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण- एएआई को इन्हें अन्य घरेलू विमानन कंपनियों को उनकी मांग के अनुरूप उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.

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