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तेजस्वी तो बहाना था, भाजपा में जाना था-लालू यादव

रांची | संवाददाता: लालू यादव गुरुवार को चारा घोटाले की पेशी से निकले तो नीतीश कुमार पर जम कर भड़के.कहा-रात भर सो नहीं पाये. मोदी के हर एक फैसले का बढ़-चढ़कर नीतीश समर्थन कर रहे थे, हमें पहले से ही उनके इरादों की भनक लग गई थी. हम बोले शंकर भगवान की तरह, जाओ राज करो. पर यह तो भस्मासुर निकला. मैंने नीतीश के माथे पर तिलक लगाया और कहा कि जाओ राज करो. मेरे मन में कोई लालच नहीं था, अगर होता तो मैं उन्हें सीएम के लिए नॉमिनेट क्यों करता.

लालू यादव ने कहा कि तेजस्वी तो बहाना था, इनको बीजेपी की गोद में जाना था. बीजेपी तेजस्वी पर सारा दोष मढ़ना चाह रही थी. उन्हें डर था कि 2019 में तेजस्वी एक बड़े विरोधी के तौर पर उभरेंगे, यह अमित शाह और नरेंद्र मोदी का षडयंत्र था. यह कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक ढोंग है. नीतीश ने सीबीआई, ईडी का केस करवाया, सुशील मोदी के साथ मिलकर नीतीश ने मेरे खिलाफ साजिश रची.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद एक चुनावी हलफनामे में स्वीकार किया है कि उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा है, आप इतने दिन से कैसे मुख्यमंत्री बने हुए थे? आप किसे नैतिकता की बात करते हैं, थोड़ी सी भी लज्जा है तो वापस इस्तीफा करो.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, मेरे छोटे भाई और बेदाग बाबू नीतीश कुमार हत्या के मुजरिम हैं, कोर्ट ने भी नीतीश के खिलाफ केस का संज्ञान लिया. सुशील मोदी ने बड़े-बड़े घोटाले किए हैं, सुशील मोदी नीतीश के स्टेपनी हैं.

नीतीश कुमार के मुर्दे के कफन में जेब नहीं होती, जैसे बयानों पर कहा कि नीतीश कुमार के पास जेब नहीं, झोला है.

लालू ने मीडिया पर भी हमला बोला और कहा कि अमित शाह सुपर एडिटर हैं और मालिकों से मिलकर खबर तय करते हैं. उन्होंने कहा कि अमित शाह सुपर एडिटर हैं, वह तय करते हैं कि न्यूज कैसी होनी चाहिए और फिर वह मीडिया हाउस के मालिकों को बता देते हैं. राज्यपाल की आलोचना करते हुये लालू ने कहा कि सबसे बड़े दल होने के नाते राज्यपाल को पहले हमें सरकार बनाने के लिये बुलाना चाहिये था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

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