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लता मंगेशकर का नया अलबम

मुंबई | समाचार डेस्क: सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने जैन समुदाय के लिए भजनों और मंत्रों का एक एलबम रिकॉर्ड किया है. उन्होंने पारंपरिक मंत्रों को ठीक से जानने के लिए अपने लिए एक भाषा शिक्षक भी रखा था.

लता कहती हैं कि एलबम रिकॉर्ड करना एक विशेष चुनौती थी. उन्होंने कहा, “उन्हें कहीं न कहीं लगा कि उनके धार्मिक उपदेश एवं मंत्रों का अभी तक ठीक ढंग से उच्चारण नहीं किया गया है. मुझे इस बात की खुशी और राहत है कि वे सोचते हैं कि मेरी प्रस्तुति उनके पवित्र उपदेशों के साथ न्याय करेगी.”

सीखने की प्रक्रिया लंबी थी, लेकिन 84 वर्षीया लता के लिए सीखने की कोई उम्र नहीं होती. लता ने कहा, “मैं आपसे कह सकती हूं कि यह आसान नहीं था, लेकिन मेरे लिए सही उच्चारण और शैली हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही है. करियर के शुरुआत में मेरे पास संस्कृत और उर्दू के शिक्षक थे, जो स्टूडियो में मेरी रिकॉर्डिग में आकर बैठते और ब्रेक के दौरान मुझे भाषाएं सिखाते थे.”

उन्होंने कहा, “वर्षो पहले जब मैंने अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर के लिए भगवद गीता रिकॉर्ड किया तो मैंने इस बात का ख्याल रखने के लिए कि बारीकियां सही से समझूं, संस्कृत के एक अन्य अध्यापक को रखा था.”

स्वर कोकिला को लगता है कि धार्मिक और आध्यात्मिक विचारों का उच्चारण 100 प्रतिशत सही होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा, “इन उपदेशों में सदियों के विचार हैं. धार्मिक भावनाओं के साथ कोई लापरवाही नहीं बरती जा सकती. मैं अपनी गायकी के माध्यम से भाषाएं सीखकर और अपनी शैली को चमका कर खुश हूं. प्रत्येक कलाकार ताउम्र एक विद्यार्थी रहता है. मैं इसका अपवाद नहीं हूं.”

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