राष्ट्र

याचिका में देर, सजा कम करो: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला दिया है कि मृत्युदंड के अपराधियों के दया याचिका पर देरी किये जाने से उनकी सजा को कम किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इसी के आधार पर 15 दोषियों के मृत्युदंड की सजा को उम्र कैद में बदल दिया है.

इनमें से 4 दोषी वीरप्पन के सहयोगी है जिन्होंने लैंड माइन से धमाका कर 22 पुलिस वालों को मार दिया था. कोर्ट के इस फैसले का प्रभाव पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में फासी की सजा पाये मुरुगन, अरुवि और संथन की दया याचिकाओं पर भी पड़ सकता है. गौरतलब है कि इन तीनों की दया याचिका भी बहुत दिनों से लंबित है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि मानसिक रोगी हो जाने पर उसे मृत्यु दंड नहीं दिया जा सकता है. उनकी सजा को उम्र कैद में बदला जाना चाहिये. कोर्ट को अनुसार मृत्यु दंड के अपराधी को एकांत कारावास में रखना भी असंवैधानिक है.

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