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इंदौर में आबकारी अधिकारी की संपत्ति 10 करोड़

इंदौर | एजेंसी: इंदौर में पदस्थ आबकारी विभाग के उपायुक्त नवल सिंह जामोद के निवासों पर लोकायुक्त द्वारा मारे गए छापों में लगभग 10 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति का खुलासा हुआ है. पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त अरुण मिश्रा ने बताया कि इंदौर आबकारी विभाग के उपायुक्त नवलसिंह जामोद के संबंध में शिकायत मिली थी कि उन्होंने शासकीय सेवा में रहते हुए आय से अधिक संपत्ति आर्जित की है. इस शिकायत की जांच कर शुक्रवार सुबह उपायुक्त ने जामोद के धार तथा इंदौर स्थित मकानों पर एक साथ छापेमारी की.

मिश्रा के मुताबिक, इंदौर के स्कीम नंबर 71, गुमाश्ता नगर के मकान पर जब दबिश दी गई तो बिस्तर के नीचे से एक ब्रीफकेस में 32 लाख रुपये नगद मिले. इसके अलावा डेढ़ किलो सोना, एक किलो चांदी, इंदौर के यश गार्डन में फ्लैट, धार के सिल्वर हिल्स में दो मंजिला मकान, कुक्षी में तीन प्लाट, अलीराजपुर में एक पेट्रोल पम्प, गैस एजेंसी और वेयर हाउस सहित इन दोनों स्थानों में करीब 50 एकड़ से अधिक कृषि भूमि के दस्तावेज, कई बैंकों की पासबुक व लॉकर की भी जानकारी मिली.

बताया गया है कि इंदौर स्थित जिस मकान में उपायुक्त रहते थे, वह लगभग आठ हजार वर्गफीट में फैला हुआ है. यह मकान तीन भूखंडों को जोड़कर बनाया गया है. यहां लोकायुक्त पुलिस को बड़ी मात्रा में विलासिता की चीजें और चार लग्जरी गाड़ियां भी मिली हैं.

बताया गया है कि जामोद वर्ष 1989 में लोक सेवा आयोग की परीक्षा के जरिए आबकारी अधिकारी बने थे. इससे पहले वह 1982 से रजिस्ट्रार के पद पर थे. यदि अभी तक की शासकीय सेवा में मिले वेतन को जोड़ा जाए तो वह 75 से 80 लाख रुपये होता है.

जामोद के पास से मिली संपत्ति की वर्तमान में बाजार मूल्य लगभग 10 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. लोकायुक्त आने वाले दिनों में जामोद के लॉकर भी खंगाल सकती है. लोकायुक्त के छापे के दौरान मिली नकदी व सोने-चांदी के सामान को जादोम अपना मानने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि वह तो एक ठेकेदार के मकान में रह रहे हैं.

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