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शेर-बाघों को पालतू बनाने की सिफारिश!

भोपाल | समाचार डेस्क: एक तरफ सरकार बाघ तथा शेरों के लिये संरक्षित क्षेत्र बना रही है उसी के बीच में मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने उन्हें पालतू बनाने का सुझाव दे दिया है. मध्य प्रदेश की पशुपालन मंत्री कुसुम महदेले चाहती हैं कि सरकार लोगों को अपने घऱ में शेर तथा बाघों को पिंजरे में थाईलैंड तथा अफ्रीकी देशों के समान रखने की अनुमति दे. हालांकि, इस अनुमति को अशासकीय टीप के द्वारा मांगा गया है फिर भई इस बात पर हैरानी होती है कि एक प्रदेश के पशुपालन मंत्री की समझदारी है कि पिंजरे में कैद करके रखने पर बाघ तथा शेरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. मध्यप्रदेश की पशुपालन मंत्री कुसुम महदेले चाहती हैं कि अफ्रीकी देशों की तरह राज्य में आमजन को घरों में शेर-बाघ पालने की अनुमति दी जाए. ऐसा होने से विलुप्त होती बाघ-शेरों की प्रजाति को न केवल बचाया जा सकता है, बल्कि वंशवृद्धि भी होगी. सूचना के अधिकार के तहत यह खुलासा हुआ है.

सूचना के अधिकार के जरिए अजय दुबे द्वारा हासिल की गई जानकारी में पता चला है कि राज्य की पशुपालन मंत्री कुसुम ने राज्य के विधिमंत्री को पत्र लिखा, उन्होंने अपनी अशासकीय टीप के साथ यह पत्र वन मंत्री को बढ़ाया, जिसमें कहा गया है कि कानून में ऐसा प्रावधान किया जाए जिससे लोग बाघ और शेर को भी घरों में पाल सकें.

कुसुम महदेले ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य में बाघ व शेरों के संरक्षण और संख्या बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं. इन योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, मगर संख्या में इजाफा नहीं हो पाया है. कई दक्षिणी पूर्वी देशों जैसे थाईलैंड और कुछ अफ्रीकी देशों में बाघ व शेर पालने की कानूनी अनुमति है, जिसके चलते इन देशों में वन्य प्राणियों की संख्या में अप्रत्याशित तरीके से इजाफा हुआ है. राज्य में भी ऐसा ही कुछ किया जाए.

मंत्री के सुझाव पर वन विभाग के एक अधिकारी ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय व वन्य प्राणी संस्थान, देहरादून के निदेशक को पत्र लिखकर उचित मार्गदर्शन का अनुरोध किया है.

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