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मप्र में ट्रक-बस हड़ताल व्यापक

भोपाल | समाचार डेस्क: टोल प्लाजा खत्म करने सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को शुरू हुई देशव्यापी ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल का मध्य प्रदेश में व्यापक असर रहा. जिससे माल का परिवहन पूरी तरह थमा रहा. वहीं केंद्र सरकार के नए सड़क सुरक्षा कानून के खिलाफ राज्य में निजी बसों के चालक और परिचालकों के एक दिवसीय हड़ताल पर रहने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा. कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच विवाद की खबरें आई हैं. ट्रक एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष परमवीर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर टोल प्लाजा को खत्म किए जाने, सड़क परिवहन एवं सुरक्षा कानून 2015 में किए गए प्रावधानों के विरोध में गुरुवार से देशव्यापी ट्रक ऑपरेटर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल बुलाई गई है. हड़ताल के पहले दिन राज्य में ट्रकों के पहिए पूरी तरह जाम रहे.

सिंह ने कहा है कि केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार है, और वह ट्रांसपोर्ट से जुड़े कारोबारियों पर कुठाराघात कर रही है. अन्य करों के अलावा डीजल पर छह रुपये कर लिया जा रहा है, इससे सरकार के पास खरबों रुपये आ रहा है, मगर हर रोज तीन किलोमीटर ही सड़क बना रही है, जिस पर 15 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च नहीं होती. सवाल उठता है कि शेष राशि जाती कहां है.

सिंह ने बताया है कि इस हड़ताल का पूरे राज्य में व्यापक असर रहा, राज्य में 40 हजार से ज्यादा ट्रक हैं, जिनके पहिए थमे रहे. इसके साथ ही बसों के चालक और परिचालक भी नए कानून को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे, इसका आम जनजीवन पर असर पड़ रहा है.

बस कर्मचारियों की हड़ताल के चलते राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित राज्य के अधिकांश स्थानों पर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. गुरुवार को सुबह से ही यात्रियों की बस स्टैंडों पर भीड़ रही और वे अपने गंतव्य को नहीं पहुंच पा रहे हैं. निजी बसों के चालकों और परिचालकों ने स्कूली बसों को भी नहीं चलने दिया, जिससे कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में विवाद की स्थिति बनी.

उज्जैन में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच विवाद हुआ. इस पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. इसी तरह छिंदवाड़ा में एक बस में तोड़फोड़ किए जाने पर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया. प्रदर्शनकारियों के नेताओं का कहना है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है.

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