छत्तीसगढ़ताज़ा खबर

अब केवल सुकमा और बीजापुर में बचे हैं माओवादी

रायपुर | संवाददाता: बस्तर से 60 से 65 प्रतिशत माओवादियों का सफाया हो चुका है. अब केवल सुकमा और बीजापुर में लड़ाई लड़नी है. यह दावा छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है.

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमणियम, डीजीपी एएन उपाध्याय, स्पेशल डीजी डीएम अवस्थी ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ में 2022 के पहले ही माओवाद का खात्मा कर दिया जाएगा. सरगुजा संभाग में नक्सलियों का सफाया हो चुका है. बस्तर में भी 60 से 65 प्रतिशत माओवादियों का सफाया हो गया है. अब केवल दक्षिण बस्तर के सुकमा व बीजापुर जिले में ही नक्सलियों के खिलाफ असली लड़ाई है. दरभा इलाके में जहां झीरमघाटी जैसी बड़ी घटनाएं हुई थीं, वहां भी अब गिनती के ही नक्सली बचे हैं.

2017 में चलाये गये पुलिस के अभियान का उल्लेख करते हुये अपर मुख्य सचिव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस बल के 70 से 75 हजार जवान नक्सल मोर्चे पर तैनात हैं. बस्तर बटालियन सहित पांच नई बटालियनें आगामी मार्च-अप्रैल तक तैनात हो जाएंगी.

अपर मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमणियम ने कहा कि माओवादी मोर्चे पर केंद्रीय व राज्य पुलिस बल के बीच बेहतर समन्वय है. सुरक्षाबल के जवान अब उन जगहों पर भी पहुंच गए है, जहां पहले नहीं पहुंच पाते थे. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य के 16 जिले नक्सल प्रभावित हैं, जिनमें से आठ जिले घोर नक्सल प्रभावित हैं. कबीरधाम जिले को भी घोर नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल करने की मांग केंद्र सरकार से की गई है.

राज्य के पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय ने कहा कि राज्य गठन के बाद वर्ष 2001 से 2004 तक सिर्फ एक या दो नक्सली मारे जाते थे. लेकिन अब परिस्थितियां बदली हैं. वर्ष 2005 से नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज हुआ.

नक्सल ऑपरेशन के विशेष पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने वर्ष 2017 में नक्सल अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि बीते वर्ष छत्तीसगढ़ पुलिस व सुरक्षाबलों के लिए उपलब्धियों से भरा रहा. मार्च-अप्रैल में दो बड़ी वारदातों को छोड़कर पूरे साल भर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अपना रवैया आक्रामक रखा. जवानों ने नक्सलियों के गढ़ में पहुंचकर न केवल ऑपरेशन चलाया, बल्कि एक सौ से अधिक नक्सलियों को मार गिराया. 76 नक्सलियों के शव बरामद किए गए, जिनमें से 51 ईनामी थे. हालांकि इस दौरान सुरक्षाबलों के 102 जवान शहीद भी हुए और जवानों के 43 हथियार लूटे गए.

डीएम अवस्थी ने बताया कि बीते वर्ष रिकॉर्ड 1017 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 365 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. सुरक्षा बलों द्वारा ऑपरेशन प्रहार भी चलाया गया. इस दौरान सुरक्षाबलों के जवान सुकमा व अबूझमाड़ में नक्सलियों के गढ़ तक पहुंचे और उन्हें सफलता मिली. उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान के साथ-साथ प्रभावित इलाकों में विकास के काम भी तेजी से हो रहे हैं. बस्तर में दो वर्षों में 700 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा किया गया है. सड़क नेटवर्क के साथ ही मोबाइल टॉवर भी लगाए गए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!