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माओवादियों ने शुरु किया भर्ती अभियान

पटना | संवाददाता: माओवादियों के पीएलजीए सप्ताह के दौरान बिहार में संदिग्ध माओवादियों ने भर्ती अभियान भी शुरु किया है. भर्ती के लिये माओवादियों ने शहरों में पोस्टर और बैनर लगाये हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि कुछ हिस्सों में सिमट कर रह गये माओवादी अपनी उपस्थिति दर्शाने के लिये इस तरह के पोस्टर लगा रहे हैं. अब इनके साथ नई पीढ़ी के नौजवान नहीं हैं.

पुलिस के अनुसार बिहार के गया, शेरघाटी, इमामगंज जैसे शहरों में माओवादियों ने भर्ती का आह्वान किया है. खुलेआम भर्ती की माओवादियों की इस कार्रवाई को पुलिस ने गंभीरता से लिया है. पुलिस का कहना है कि पोस्टर लगाने वालों की तलाश की जा रही है और इस दिशा में जल्दी ही कार्रवाई होगी.

संदिग्ध माओवादियों के इस पोस्टर में लिखा है कि जन मुक्ति छापामार सेना यानी पीएलजीए में भर्ती के लिए 2 दिसम्बर से 2 जनवरी 2019 तक व्यापक अभियान चलाया गया है.

भाकपा माओवादी ने कहा है कि उम्मीदवारों का आवेदन पत्र लेने के लिए प्रत्येक गांव के प्रत्येक स्कूल और सामुदायिक भवन पेटी रखी गई है, उसमें लोग अपना आवेदन जमा कर सकते हैं और माओवादी सेना में भर्ती हो सकते हैं.

इन पोस्टरों में कहा गया है कि जन मुक्ति छापेमार सेना यानि पीएलजीए अपनी 18वीं वर्षगांठ मना रहा हैं. माओवादियों ने 2 दिसम्बर से 8 दिसम्बर तक चलने वाले इस आयोजन को लोगों से पूरे जोशो खरोश के साथ मनाने की अपील की है.

पोस्टर में ये भी लिखा है कि माओवादी कैडर छापामार युद्ध को चलायमान युद्ध में बदलें. उनसे कहा गया है कि वे पीएलजीए को पीएलए में बदलें.

माना जा रहा है कि सीपीआई माओवादी में नेतृत्व परिवर्तन के बाद इस तरह की आक्रमक रणनीति बना कर माओवादी अपनी मजबूती को दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि माओवादी लगातार कमजोर हुये हैं और केवल अपनी उपस्थिति बताने के लिये इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं.

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