राष्ट्र

मायावती कराएंगी ताकत का एहसास

लखनऊ | एजेंसी: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से बड़ी रैलियों सिलसिला शुरू हो चुका है और यह लोकसभा चुनाव तक चलेगा. पहले उप्र में नरेंद्र मोदी की कई बड़ी रैलियां हुईं, उसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने रैलियों के जरिए अपनी ताकत का एहसास कराया, अब बारी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की है. वह 15 जनवरी को रैली के बहाने मोदी व मुलायम को अपनी ताकत एहसास कराएंगी.

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिन के मौके पर पार्टी की तरफ से बड़ी रैली की जाएगी. नाम दिया गया है ‘विशाल सावधान रैली’ और इसके लिए युद्धस्तर पर तैयारियां चल रही हैं.

रैली से दो दिन पहले ही विभिन्न राज्यों से बसपा कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया है. रैली स्थल कांशीराम स्मृति उपवन में अन्य राज्यों से कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया है. हजारों कार्यकर्ता रैली स्थल पर बने भव्य पंडाल में डेरा जमा चुके हैं.

पार्टी के पदाधिकारियों की मानें तो रैली में देश के विभिन्न राज्यों से कार्यकर्ता आएंगे, क्योंकि यह रैली राष्ट्रीय स्तर की है. इसी के चलते महाराष्ट्र, पुदुचेरी, मध्य प्रदेश, दिल्ली, बिहार, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से पार्टी कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला जारी है. इन राज्यों से कार्यकर्ता समूहों में रैली स्थल पहुंच रहे हैं.

बसपा को अनुमान है कि इस रैली में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों को मिलाकर करीब 20 लाख लोगों के आने की संभावना है. पार्टी के एक पूर्व सांसद का दावा है कि रैली में आने के लिए 20 रेलगाड़ियां बुक कराई गई हैं, जबकि रेलवे स्टेशन से रैली स्थल तक कार्यकर्ताओं को ले जाने और ले आने के लिए सैकड़ों बसों का इंतजाम भी किया गया है.

दो दिन पहले से ही आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए पंडाल में ही भोजन की व्यवस्था की गई है और इसके लिए करीब 100 से अधिक रसोइए दिन-रात काम में जुटे हुए हैं.

बसपा नेता की मानें तो पार्टी ने जो 20 रेलगाड़ियां बुक कराई हैं, वे मुरादाबाद, नजीबाबाद, मुगलसराय, गढ़ मुक्तेश्वर, विलासपुर, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, चौरी चौरा, आजमगढ़, ललितपुर, आगरा, मथुरा सहित कई जिलों से आएंगी. इन रेलगाड़ियों को आलमनगर स्टेशन और चारबाग स्टेशन पर रोका जाएगा.

बसपा नेता और सांसद जुगुल किशोर ने बताया कि रैली की तैयारियां अपने अंतिम चरण हैं. देवीपाटन, फैजाबाद और गोरखपुर से चार रेलगाड़ियों की बुकिंग की गई है. इसके अलावा बसों और टैक्सियों की व्यवस्था भी कर ली गई है.

प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने कहा, “बसपा को रैली आयोजित करने में कभी कोई परेशानी नहीं हुई. कोहरा पड़े या बारिश हो, कार्यकर्ता रैली स्थल पर पहुंचेंगे ही. गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है.”

बसपा ने इस ‘महारैली’ से पहले ब्राह्मण-भाईचारा सम्मेलनों का आयोजन किया था. ये सम्मेलन क्षेत्रवार हुए थे और इसमें बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्र सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया था. इस रैली को सफल बनाने में भाईचारा समितियों का बड़ा योगदान रहा था.

गौरलतब है कि उप्र में सबसे पहले भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैलियों का सिलिसला शुरू हुआ. मोदी उप्र में अब तक पांच जनसभाएं कानपुर, झांसी, बहराइच, आगरा और वाराणसी में कर चुके हैं. इसके अलावा उनकी दो रैलियां गोरखपुर और मेरठ में प्रस्तावित हैं, जो 23 जनवरी और 2 फरवरी को होंगी. खास बात यह कि मायावती की तरह ही भाजपा ने भी दो मार्च को विजय शंखनाद महारैली की घोषणा पहले ही कर दी है.

मोदी के अलावा राहुल गांधी और सपा मुखिया मुलायम भी पिछले डेढ़ महीनों में अलग-अलग क्षेत्रों में कई रैलियां कर चुके हैं.

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