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पटेल पीएम होते तो कश्मीर हमारा होता-मोदी

नई दिल्ली | संवाददाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया है कि चुनावी लाभ के लिये कांग्रेस ने भारत के टुकड़े कर दिये. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सदन का दरवाज़ा बंद करके देश का बंटवारा किया. मोदी बुधवार को संसद में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री सरदार पटेल होते तो मेरे कश्मीर का हिस्सा पाकिस्तान के पास नहीं होता. पूरा कश्मीर हमारा होता. सरदार पटेल के साथ अन्याय हुआ.

मोदी ने कहा कि मैं उन सरकारों की बात करता हूं, जहां आपके लोग बैठे हैं. गैर-एनडीए राज्यों ने एक करोड़ रोजगार देने वादा किया. देश को गुमराह करने की कोशिश मत कीजिए. कीचड़ जितना उछालोगे, कमल उतना खिलेगा.

मोदी ने आरोप लगाया कि जो बेटी पैदा नहीं हुई वो कागज़ों पर विधवा हो जाती है. जिसका जन्म नहीं हुआ, आपने उसको पेंशन दी. सारा पैसा बिचौलियों के पास चला जाता था. हमने आधार से बिचौलियों पर लगाम लगाई. रोज़गार बिचौलियों और देश को लूटने वालों का गया है.

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की तारीफ करते हुये कहा कि नए अवसर पैदा हो रहे हैं. ईपीएफ में 70 लाख नए नाम दर्ज हुए हैं. देश का युवा नौकरी की भीख मांगने वाले नहीं हैं. वो अपना काम करने वाले लोग हैं. विदेश से पढ़कर आए नौजवान स्टार्टअप शुरू करने की बात कर रहे हैं. इन युवाओं का हौसला बढ़ाना चाहिए न कि इन्हें निराश करने की कोशिश करनी चाहिए. छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता. टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता. मोदी ने कहा कि ‘देश में जो विकास हुआ है इसमें देश की पुरानी सरकारों का भी योगदान है.’ ऐसा एक भी वाक्य किसी कांग्रेसी प्रधानमंत्री ने लाल किले से बोला हो? ये हम हैं जो सभी पुरानी सरकारों का लाल किले से धन्यवाद देते हैं. लोकतंत्र इसको कहते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अपने शासन का बखान करती है. रेडियो पर आपके गीत गाए जाते थे. कांग्रेसी नेताओं ने एक ही पार्टी के गीत गाए. लिच्छवी साम्राज्य के समय भी 2500 साल पहले भी लोकतंत्र की व्यवस्था थी. सहमति, असहमति सब थी. कांग्रेस पर हमला बोलते हुये उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बात आप लोग करते हैं. राजीव गांधी ने एक दलित मुख्यमंत्री का अपमान किया था. दलित सीएम के अपमान के बाद टीडीपी पैदा हुई. आप अपने परिवार को ही लोकतंत्र मानते हो. औरंगज़ेब, शाहजहां की बात करने वाले लोकतंत्र की बात करते हैं. तेलंगाना बनाए जाने के पक्ष में हम भी हैं. लेकिन चुनाव की हड़बड़ी में आपकी उस हरकत की वजह से आज भी समस्याएं बनी हुई हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल खड़गे ने बशीर बद्र की शायरी पढ़ी कि दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे कि जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदगी न हो. मैं उम्मीद करता हूं कि सिद्धारमैया ने आपकी बात सुन ली होगी. लेकिन खड़गे साहेब बशीर बद्र की शायरी की शुरुआत की दो लाइन पढ़ लेते तो बेहतर होगा. उन दो लाइनों में बशीर ने कहा था कि जी चाहता है सच बोलें- क्या करें हौसला नहीं होता.

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