राष्ट्र

मोदी, विपक्ष के बीच जेएनयू पर चर्चा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: मोदी और विपक्ष के बीच जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने का मुद्दा उठा. इस बीच, वकीलों के एक समूह द्वारा जेएनयू छात्रों और पत्रकारों को पीटने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई. विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री से उनके दफ्तर में हुई मुलाकात के दौरान जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने का मुद्दा उठाया.

प्रधानमंत्री ने यह बैठक 23 फरवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के सुचारु संचालन के लिए विपक्ष से सहयोग मांगने के लिए बुलाई थी.

बैठक में कांग्रेस के आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन शामिल हुए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू को एक ‘आतंकी केंद्र’ के रूप में चित्रित करने की निंदा की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि “राष्ट्रवाद को राज्य के तंत्र का इस्तेमाल कर लोगों के बीच भय पैदा करने का उपकरण नहीं बनाया जाना चाहिए.”

केजरीवाल ने भाजपा विधायक ओ. पी. शर्मा जैसे ‘उद्दंड और अराजकतावादी’ तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की. ओ.पी.शर्मा को सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर भाकपा कार्यकर्ता को पीटते हुए देखा गया था.

पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को जेएनयू छात्रों और पत्रकारों पर हुए हमले के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.एस.बस्सी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

बड़ी संख्या में पत्रकारों ने मंगलवार को मार्च निकालकर अदालत परिसर में पत्रकारों की पिटाई के खिलाफ प्रदर्शन किया. पत्रकार सर्वोच्च न्यायालय तक गए और न्यायालय के रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा.

पत्रकारों ने दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने उन पुलिसवालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की, जो हमले के दौरान चुपचाप खड़े रहे.

बस्सी ने यहां दिल्ली पुलिस के 69वें स्थापना दिवस के एक कार्यक्रम में कहा, “हमने सोमवार अदालत में हुई घटना के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की है. हम मामले की जांच कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “हम आरोपियों की पहचान करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं और कानून के अनुसार, कार्रवाई की जाएगी.”

बस्सी से सवाल किया गया कि पत्रकारों के साथ हुई मारपीट के वक्त पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया? जवाब में उन्होंने कहा, “अगर यह साबित हुआ कि पुलिस ने अपना कर्तव्य नहीं निभाया और उदासीनता दिखाई, तो उसके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी.”

कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, “मामले की जांच चल रही है.” उन्होंने आगे कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया.

आईएएनएस के पत्रकार अमिय कुमार कुशवाहा सहित कम से कम चार पत्रकारों पर पटियाला हाउस कोर्ट में कुछ अधिवक्ताओं ने हमला किया था.

भाजपा ने मंगलवार को कहा कि सरकार विद्यार्थियों से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्र-विरोधी’ ताकतों से लड़ रही है.

भाजपा प्रवक्ता एम.जे.अकबर ने कहा, “लड़ाई सरकार और विद्यार्थियों के बीच नहीं, बल्कि राष्ट्र और राष्ट्र-विरोधी ताकतों के बीच है.”

अकबर ने कहा, “जेएनयू परिसर में विद्यार्थी न केवल भारत विरोधी नारे लगा रहे थे, बल्कि इस तरह के कई नारे लगा रहे हैं. संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इस तरह की आजादी का मतलब यह नहीं कि लोग अलगाव का समर्थन करें.”

जेएनयू के अंदर और बाहर प्रदर्शनों का दौर मंगलवार को भी जारी रहा. बाहर हुए एक प्रदर्शन में विश्वविद्यालय के खिलाफ नारे लगाते हुए ‘देश विरोधी’ नारे लगानों वालों पर कार्रवाई करने की मांग की गई.

जेएनयू के प्रवेशद्वार पर कड़ी सुरक्षा की गई थी. पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे थे. पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों को भी बाहरी लोगों को परिसर में घुसने से रोकने के लिए तैनात किया गया था.

कहा जा रहा है कि जेएनयू गेट पर प्रदर्शन करने वालों का संबंध विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से था. भगवा झंडे लहराते इन लोगों ने ‘जेएनयू प्रशासन बंद करो’ जैसे नारे लगाए.

विश्वविद्यालय के प्रवेशद्वार पर लगे बैरिकेड को लांघने की कोशिश कर रहे एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “उन राष्ट्र विरोधी तत्वों को गिरफ्तार करो. हमारा प्रदर्शन देश के पक्ष में है.”

प्रदर्शनकारियों ने ‘गोली मारो इन देशद्रोहियों को’ जैसा नारा भी लगाया.

विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रही. छात्र कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग कर रहे हैं.

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