राष्ट्र

मोदी ने पुलिस आयुक्त को तलब किया

नई दिल्ली | एजेंसी: पीएम मोदी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से ईसाई संस्थानों पर हमले के लिये नाराजगी जताई. राष्ट्रीय राजधानी स्थित एक ईसाई स्कूल पर शुक्रवार को हुए हमले और तोड़फोड़ की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.एस.बस्सी को तलब किया और इस घटना सहित दिल्ली में बढ़ रहे अपराधों पर गहरी चिंता जताई. दक्षिणी दिल्ली के वसंत विहार स्थित होली चाइल्ड ऑक्जीलियम स्कूल के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि परिसर में स्थित कुछ सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए तथा प्राचार्य के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई और दान पात्र में रखे आठ हजार रुपये चुरा लिए गए.

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने दिल्ली में बढ़ रही अपराध की घटनाओं, जिसमें गिरिजाघरों व ईसाई संस्थानों को निशाना बनाए जाने को लेकर गहरी चिंता जताई और बस्सी से नाराजगी जाहिर की.

मोदी ने घटना की जल्द जांच करने को कहा.

वहीं, घटना की जानकारी मिलने पर दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी कड़ी निंदा की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मैं होली चाइल्ड ऑक्जीलियम स्कूल पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं. इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी.”

बस्सी ने हालांकि बाद में मीडिया से कहा कि शुक्रवार को हुई घटना चोरी की थी और यह धार्मिक दुर्भावना से संबंधित नहीं है.

बस्सी ने कहा, “हमारी प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इस घटना को जानबूझकर अंजाम नहीं दिया गया है. यह चोरी का मामला है और दान पात्र से आठ हजार रुपये की चोरी हुई है.”

बस्सी ने कहा कि अपराधियों ने परिसर में स्थित कुछ सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए, लेकिन धार्मिक चीजों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया.

उन्होंने कहा कि स्कूल के बाहर स्थित सीसीटीवी कैमरों से उन्हें अपराधियों के फुटेज मिले हैं.

स्कूल की प्राचार्य सिस्टर लूसी जॉन ने बाद में कहा, “यह जान बूझकर किया गया हमला नहीं है, क्योंकि किसी भी धार्मिक चीज को नहीं छुआ गया है.”

उन्होंने कहा कि गलियारे में छह सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिसे तोड़ दिया गया, साथ ही 12 हजार रुपये भी गायब हैं.

इस स्कूल की स्थापना 1970 में हुई थी, जिसे सिस्टर सेलेसियन द्वारा संचालित किया जाता है. यह एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल है, जो मूलत: ईसाई बच्चियों के लिए है, लेकिन यहां अन्य समुदायों व धर्मो के बच्चों का भी नामांकन होता है.

इस बीच, ईसाई समुदाय के लोगों का कहना है कि एक खास गिरोह के कुछ सदस्य जानबूझकर इस समुदाय को निशाना बना रहे हैं. पिछले 11 सप्ताह में अपनी तरह का यह छठा हमला है.

दिल्ली कैथोलिक आर्कडायसिस के प्रवक्ता फादर सावरिमुत्तू शंकर ने कहा कि ये हमले ईसाई समुदाय में डर पैदा करने की कोशिश है. दिसंबर 2014 से अब तक पांच गिरजाघरों पर हमले किए गए हैं और यह छठा ऐसा हमला है.

उन्होंने कहा, “हमें पहले लगता था कि इस तरह के हमलों का संबंध दिल्ली विधानसभा चुनाव से हो सकता है. लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि इसके पीछे कुछ कट्टरपंथी गिरोहों का हाथ है, जिसका उद्देश्य ईसाई समुदाय में खौफ पैदा करना है.”

फादर मैथ्यू कोयिकल ने कहा, “हमलावरों का उद्देश्य ईसाई समुदाय को कमजोर करना है. दिसंबर से अब तक एक खास अंतराल पर पांच गिरजाघरों को निशाना बनाया गया है. हमारी मांग है कि मामले की जांच सभी पहलुओं से की जानी चाहिए.”

गौरतलब है कि दिल्ली के वसंत कुंज स्थित सेंट अल्फोंसा गिरजाघर से कुछ सामान और एक डीवीडी प्लेयर दो फरवरी को चुराए गए थे. इससे पहले पश्चिमी दिल्ली में एक गिरजाघर में तोड़फोड़ की गई थी, और इस सिलसिले में तीन लोगों को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले जनवरी में पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी स्थित एक गिरजाघर में आग की खबर आई थी.

दक्षिणी दिल्ली के जसोला स्थित ऑवर लेडी ऑफ फातिमा फॉरेन चर्च में भी दिसंबर में पथराव किया गया था, जिससे खिड़कियों के शीशे टूट गए थे.

दिलशाद गार्डन स्थित सेंट सेबेस्तियन चर्च में भी दिसंबर में आग लगा दी गई थी.

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली में 1.30 लाख ईसाई रहते हैं. भारत में ईसाइयों की कुल आबादी 2.4 करोड़ है.

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