कलारचना

मेरी जीवनी अलग है: शत्रुघ्न

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: कभी हिन्दी सिनेमा में अपने डॉयलाग से आग लगा देने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी जीवनी में कुछ भी नहीं छुपाया है. शत्रुघ्न सिन्हा का एक फेसम डॉयलाग रहा है ‘जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं और उससे बनी चिंगारी को विश्वनाथ कहते हैं..’ ठीक उसी तरह से शत्रुघ्न सिन्हा की जीवनी में आग भी है, राख भी है और तो और विश्वनाथ भी है जो सच्चाई के रास्ते पर चलता है तथा किसी से डरता नहीं है. अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि उनकी जीवनी ‘एनीथिंग बट खामोश : द शत्रुघ्न सिन्हा बायोग्राफी’ सच्ची और पारदर्शी है. महानायक अमिताभ बच्चन ने शुक्रवार शाम यहां शत्रुघ्न की जीवनी का लोकार्पण किया, जिसे प्रसिद्ध स्तंभकार, आलोचक और लेखक भारती एस. प्रधान ने लिखा है.

शत्रुघ्न ने कहा, “मेरी जीवनी मनोरंजक और प्रभावशाली है, क्योंकि इसमें अच्छी बुरी हर तरह की चीजें हैं और इसमें नकारात्मक पहलू को भी ईमानदारी से बताया गया है. मेरा मानना है कि मेरी जीवनी सच्ची और पारदर्शी है.”

उन्होंने कहा, “लोग मेरे बारे में बहुत कुछ कहते हैं जो मुझे पसंद नहीं है, लेकिन इसमें कुछ भी छिपा नहीं है. इस देश में लोकतंत्र है और यहां सभी को बोलने का अधिकार है.”

उन्होंने बताया कि यह अलग तरह की जीवनी है.

शत्रुघ्न ने कहा, “अमूमन जीवनियों में संबंधित व्यक्ति की प्रशंसा होती है, लेकिन मेरी जीवनी अलग है. इसलिए यह मनोरंजक और दिलचस्प है.”

प्रधान ने सात साल के शोध, 37 साक्षात्कार और सिन्हा परिवार के साथ 200 घंटों से भी अधिक समय की बातचीत के आधार पर यह जीवनी लिखी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!