राष्ट्र

मोदी को कांग्रेस ने कहा सांप-बिच्छू

नई दिल्ली: भाजपा की महामंथन बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से नाराज कांग्रेस पार्टी ने मोदी को सांप की संज्ञा दी और भाजपा को मुसलमानों की हत्या करवाने वाली पार्टी कहा.कांग्रेसी नेताओं ने कहा है कि नरेंद्र मोदी को बहुत गंभीरता से लेने की जरुरत नहीं है.

गौरतलब है कि भाजपा की महामंथन बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुये कई गंभीर आरोप लगाये थे. मोदी ने कहा था कि देश को कांग्रेस का दीमक लगा है, हम जानते हैं कि दीमक को मिटाना काफी मुश्किल भरा काम है. इधर से खत्म करो तो उधर आ जाते हैं, लेकिन इसका इलाज है. हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का पसीना इस दीमक को खत्म कर सकता है.

मोदी ने कहा था कि कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है और इस परिवार के चलते ही पार्टी हर जगह नाइटवॉच मैन बिठाती है. मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिए बिना कहा कि इस बार रात इतनी लंबी होगी, ये देश की जनता ने सोचा नहीं था. मोदी ने कहा कि अंधेरा बहुत घना है, लेकिन दीया जलाना कहां मना है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी को कमीशन पार्टी बताते हुये कहा था कि हर काम के लिए कमीशन तय है. एक परसेंट, दो परसेंट, तीन परसेंट, इसका, उसका, भतीजा का, साले का, साली का. मोदी ने कहा था कि कांग्रेस सरकार का जाना तय है.

अब कांग्रेस नेताओं ने मोदी के खिलाफ पलटवार करते हुये कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भाजपा को मुसलमानों को मारने वाली पार्टी बताते हुए नरेंद्र मोदी को ‘सांप-बिच्छू’ की संज्ञा दे दी. अय्यर ने कहा कि मोदी ने हमें दीमक बुलाया है, तो मैं तो कहता हूं कि वो एक सांप हैं, बिच्छू हैं. और ऐसे गंदे आदमी की तरफ़ से आलोचना हुई तो ये अपने आप में प्रशंसा है. उन्होंने भाजपा को लेकर टिप्पणी की कि वह मुसलमानों को मारने की पार्टी है, अक़लियतों को दबाने की पार्टी है. इस देश को तोड़ने वाली पार्टी है. ये एक ऐसी पार्टी है, जो हमारी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास नहीं रखती.

कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि भाजपा को अपने नेताओं में जोश भरने के लिए कांग्रेसी दिग्गजों का नाम लेना पड़ रहा है. लेकिन फिर भी अगर उन्हें इन नामों से प्रेरणा मिलती है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है.

नरेंद्र मोदी के भाषण से नाराज सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने ट्विटर पर लिखा है कि क्या यह सच नहीं है कि वाजपेयी जी ने 2002 में एक मुख्यमंत्री को राजधर्म की याद दिलाई थी? उन्होंने सवाल किया कि 2004 में अपनी हार होने पर वाजपेयी ने क्या वजह बताई थी?

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