छत्तीसगढ़

सिप्रोसीन में मिला आर्सेनिक, लेड, मरकरी

ऱायपुर | समाचार डेस्क: नसबंदी में दी गई दवा सिप्रोसीन में जहर मिला पाया गया है. सीजीखबर को विश्वसनीय सूत्रों से सरकार द्वारा लैब में सिप्रोसीन की जांच रिपोर्ट की जानकारी मिली है. अभी तक सरकार सिप्रोसीन में जिंक फास्फाइट होने की आशंका जताती रही है लेकिन लैब की जांच रिपोर्ट में सिप्रोसीन दवा में न केवल जिंक फास्फाइट पाया गया है बल्कि बड़ी मात्रा में आर्सेनिक, लेड, मरकरी मिला पाया गया. गौरतलब है कि नसबंदी के बाद महिलाओं की मौतों के साथ ही बिलासपुर के पास के घुटकू तथा गनियारी में इस दवा के सेवन से कुल मिलाकर 19 जाने जा चुकी हैं.

गौरतलब है कि 8 नवंबर शनिवार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पास पेंडारी में हुए नसबंदी के आपरेशन के बाद शुरु हुए मौतों के सिलसिले के कारण चार चिकित्सकों को निलंबित कर दिया गया. उसके बाद नसबंदी करने वाले डॉक्टर आरके गुप्ता तथा बिलासपुर के प्रभारी सीएमओ आरके भांगे को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. डॉक्टर आरके गुप्ता नसबंदी में हुई मौतों के कारण गिरफ्तार कर लिये गये हैं. डॉक्टर आरके गुप्ता के गिरफ्तारी के विरोध में छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों ने हड़ताल भी की है.

इस मामले में सबसे पहले राज्य के स्वास्थ्य सचिव डाक्टर आलोक शुक्ला ने स्थानीय लैब में परीक्षण के बाद मीडिया के सामने दावा किया था कि सिप्रोसीन-500 में ज़हरीला ज़िंक फ़ॉस्फ़ाइट मिला है, जिसका इस्तेमाल चूहामार दवा में होता है. हालांकि उनका कहना है कि केंद्र सरकार की लैब में इसके परीक्षण के बाद ही अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है. अब जबकि राज्य सरकार के पास पूरी रिपोर्ट आ गई है, सरकार इस मामले में चुप हो गई है.

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