कलारचना

CBFC क्यों डरता है: नसीर

मुंबई | मनोरंजन: बॉलीवुड तथा पाक फिल्मों में काम कर चुके नसीरुद्दीन इस बात से अवाक हैं कि सीबीएफसी फिल्म को प्रमाण पत्र देने से भी डरता है. खबर है कि नसीरुद्दीन की आने वाली फिल्म ‘धर्म संकट में’ को प्रमाण पत्र देने के पहले सीबीएफसी इसे पंडित तथा मौलवी को भी दिखा लेना चाहता है. जाहिर है कि सीबीएफसी का यह रवैया नसीरुद्दीन शाह के गले नहीं उतर रहा है. दिल्ली के गलियारों में ऐसे कयास लगाये जा रहें हैं कि आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ के विरोध के बाद सीबीएफसी फूंक-फूंककर कदम रखना चाहता है. फिल्मों को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की बढ़ती सख्तियों के बीच बहुमुखी प्रतिभा के धनी दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि सेंसर बोर्ड की सोच उनकी समझ से परे है. नसीरुद्दीन ‘धर्म संकट में’ फिल्म में नजर आने वाले हैं. उनकी इस फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए सेंसर बोर्ड ने धार्मिक गुरुओं को आमंत्रित किया है, जिससे फिल्म के मुख्य अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और परेश रावल खुश नहीं हैं.

नसीरुद्दीन ने सेंसर बोर्ड की सोच पर सवाल उठाते हुए कहा, “सेंसर बोर्ड की सोच मेरी समझ से परे है. मैं नहीं समझ पाता कि वे क्या चाहते हैं. मुझे नहीं मालूम कि वे किस बात को लेकर डरे हैं, चाहे आप हिन्दू हों या मुसलमान? क्या आपका धर्म इतना कमजोर है या ताकतहीन है कि इसे इसकी आलोचना करने वाले व्यक्ति मात्र से खतरा हो जाता है?”

पाकिस्तान की कई फिल्मों में भी काम कर चुके नसीरुद्दीन ने कहा, “मैं इस मानसिकता को नहीं समझ पा रहा, जो दुर्भाग्यवश सीमा पार भी मौजूद है.”

फिल्म ‘धर्म संकट में’ में नसीरुद्दीन के अतिरिक्त परेश रावल और अन्नू कपूर भी मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म की कहानी धर्मपाल नामक व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके सामने उस वक्त पहचान का संकट खड़ा हो जाता है, जब उसे मालूम होता है कि उसका जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था और उसे एक हिन्दू परिवार ने गोद लिया था, जहां उसकी परवरिश हुई.

फिल्म का निर्देशन फवाद खान ने किया है. फिल्म 10 अप्रैल को प्रदर्शित होने वाली है.

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