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श्रीहरिकोटा में उल्टी गिनती शुरू

चेन्नई | एजेंसी: देश में निर्मित भारी प्रक्षेपण यान, जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लांच व्हिकल-डी5 (जीएसएलवी-डी5) के प्रक्षेपण के लिए रविवार पूर्वाह्न् 11.50 बजे उल्टी गिनती शुरू हो गई है. यह प्रक्षेपण यान अपने साथ एक संचार उपग्रह भी ले जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.

इस विशाल प्रक्षेपण यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से छोड़ा जाएगा. सोमवार सायं 4.50 बजे प्रक्षेपण यान के छोड़े जाने का समय निर्धारित है.

इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि, “उल्टी गिनती शुरू हो गई है, तथा सब कुछ सुचारु रूप से चल रहा है. प्रक्षेपण यान के निर्माण पर लगभग 160 करोड़ रुपये तथा उपग्रह के निर्माण पर लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत आई है.”

इस प्रक्षेपण यान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें लगा क्रायोजेनिक इंजन पूर्णत: देश में ही इसरो द्वारा विकसित किया गया है.

पिछले तीन वर्षो में जीएसएलवी का यह पहला मिशन होगा. इससे पहले 2010 में जीएसएलवी प्रक्षेपण यान का दो प्रक्षेपण विफल हो गया था.

जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लांच व्हिकल-डी5 (जीएसएलवी-डी5) यान के प्रक्षेपण की सफलता देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अपने साथ अधिक भार ले जा सकने की क्षमता रखने वाले प्रक्षेपण यानों के निर्माण की दिशा में यह पहला कदम होगा.

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