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नटवर ने खोले सोनिया के राज

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब में सोनिया के कई राज खोले हैं. पूर्व विदेश सचिव तथा विदेश मंत्री रहे गांधी परिवार के करीबी नटवर सिंह ने यह राज अपनी किताब ‘वन लाइफ इज नॉट एनफ’ के माध्यम से खोलें हैं जिससे लोकसभा चुनाव में भारी हार का मुंह देखने के बाद सोनिया गांधी को फिर से परेशानी में डाल दिया है.

इसमें कहा गया है कि यद्यपि पति राजीव गांधी की मौत के बाद सोनिया ने नरसिंह राव को प्रधानमंत्री बनाया, लेकिन वह उन्हें पसंद नहीं करती थीं. अपनी पुस्तक में नटवर ने कहा है कि सोनिया गांधी राव को लेकर सहज नहीं थीं. नटवर सिंह कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री रहे और कभी गांधी परिवार के करीबी समझे जाते थे.

पांच वर्षो तक प्रधानमंत्री रहे नरसिंह राव का कार्यकाल 1996 तक रहा. नटवर सिंह ने कहा कि दिसंबर 1994 में जब एक दिन उनकी मुलाकात हुई तो राव ‘असामान्य रूप से उत्तेजित और थके हुए से’ लगे थे. किताब में नटवर सिंह ने राव के तब के संवाद लिखे हैं, “मैं सोनिया गांधी पर हमला कर सकता हूं. लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता. उनके कुछ चाटुकार मेरे खिलाफ उनके कान भरते रहते हैं. मैं उन्हें गंभीरता से नहीं लेता.”

राव ने कहा था, “मेरे प्रति उनके व्यवहार से मेरे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. यदि वे मुझे हटाना चाहती हैं तो उन्हें सिर्फ यही कहना चाहिए.” “उनकी इच्छा और जरूरतें पूरी करने के लिए मैंने अपनी ओर से भरपूर प्रयास किए हैं. आप उनके करीब जाएं और यह आवश्यक रूप से पता करें कि आखिर सोनिया मुझसे शत्रुता का भाव क्यों रखती हैं.”

राव सोनिया की पसंदीदा लोगों में शामिल होने के लिए व्यग्र थे, इसलिए नटवर सिंह के सुझाव पर उनके करीब पहुंचने के लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के करीबी मित्र मोहम्मद यूनुस के साथ गुप्त मुलाकात की. नटवर सिंह ने लिखा है कि राव की यह अभिलाषा अधूरी ही रह गई. गांधी परिवार की राव के प्रति नफरत की ही हद थी कि 2004 में जब उनका निधन हुआ, तब उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हैदराबाद भेज दिया गया.

अपनी किताब में नटवर सिंह ने कहा है कि सोनिया गांधी ने एक बार ‘सनकी’ और ‘मूर्खतापूर्ण’ आचरण का प्रदर्शन करते हुए जांबिया के वरिष्ठ नेता कौंडा को नई दिल्ली स्थित एक होटल को बदलने के लिए मजबूर किया था, क्योंकि होटल का मालिक उनके ‘गुड बुक’ से बाहर हो गया था.

यह दावा पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह ने किया है. अफ्रीका के सर्वाधिक सम्मानित नेताओं में से एक कौंडा अपने देश के राष्ट्रपति भी रहे. 1997 में भारतीय स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेने आए कौंडा ललित सूरी के नई दिल्ली में बाराखंबा रोड स्थित होटल में ठहर गए थे.

नटवर ने अपनी आत्मकथा ‘वन लाईफ इज नॉट एनफ’ में लिखा है, “जब गांधी को पता चला कि वे सूरी के होटल में ठहरे हैं तो वह नाराज हो गईं और मुझसे कौंडा से मुलाकात करने और उनसे ओबरॉय होटल में जाने का आग्रह करने को कहा.” नटवर ने लिखा है, “जाहिरा तौर पर यह अतार्किक मांग थी. मैं पिछले कई वर्षो से कौंडा को जानता था इसलिए संदेशवाहक का मेरा काम बेहद दुविधापूर्ण था.”

“जब मैंने उनसे इस बारे में कहा, तो उन्होंने कहा कि वे व्यवस्थित हो चुके हैं और लंबी हवाई यात्रा की थकान के बाद उन्हें आराम की जरूरत है.”

नटवर सिंह ने कौंडा का संदेश गांधी को सुनाया. उन्होंने लिखा है, “उन्होंने मुझसे तुरंत कौंडा के पास जाने और उनसे ओबरॉय में जाने को कहने को कहा…मैंने उनसे कहा कि वह मूर्खता कर रही हैं.” नटवर सिंह ने उल्लेख किया है कि कौंडा, सोनिया गांधी से 22 वर्ष बड़े हैं. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी इस तरह से संवेदनहीन तरीके से पेश नहीं आए.

उन्होंने आगे लिखा है, “उनका दूसरा संदेश सुनने के बाद कौंडा ने कहा कि इससे उनके लिए लज्जाजनक स्थिति पैदा हो गई है. उन्होंने पूछा, आखिर मैं सूरी से क्या कहूंगा?”

“कौंडा ने मेरी हालत को भांप लिया. मैंने उनसे कहा कि कुछ गड़बड़ी हो गई है. सूरी से क्षमा मांगने के बाद कौंडा होटल बदलने के लिए तैयार हो गए.”

“सोनिया जानबूझकर सनकी हो गई थीं. उनके लिए ऐसा करना अशोभनीय था. कौंडा के साथ घटी घटना ने कड़वाहट पैदा की.”

गौरतलब है कि सूरी किसी जमाने में कांग्रेस के सत्ता प्रतिष्ठान के करीब थे और उनके निधन के बाद उनकी पत्नी ज्योत्सना उनके नाम से ललित ग्रुप ऑफ लग्जरी होटल चलाती हैं.

नटवर सिंह के किताब के प्रकाशन के बाद से हमलों का सामना कर रही सोनिया गांधी ने गुरुवार को कहा था कि वह इन आरोपों का उत्तर देने के लिये स्वंय एक किताब लिखने जा रही है.

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