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भाजपा का नया रूप नामंजूर: नीतीश

पटना | समाचार डेस्क: जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा भाजपा का नया रूप मंजूर नहीं है. उल्लेखनीय है पहले जदयू भाजपा गठबंधन में थी परन्तु नरेन्द्र मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के बाद से जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ दिया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं. उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से महागठबंधन ने बिहार में भाजपा को पराजित किया उसी तरह से राष्ट्रीय राजनीति में भी भाजपा को परास्त करेंगे. वहीं जदयू के निवर्तमान अध्यक्ष शरद यादव ने कहा नीतीश के पार्टी अध्यक्ष बनने से भाजपा विरोधी ताकतों को एकजु़ट करने में आसानी होगी.

बिहार में सत्ताधारी जनता दल युनाइटेड की पटना में शनिवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में विधिवत ताजपोशी हुई. पार्टी की कमान संभालते ही वह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बरसे. नीतीश ने कहा कि भाजपा देश को बांटने की राजनीति कर रही है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं मानते.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए निवर्तमान अध्यक्ष शरद यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नीतीश कुमार के चयन पर मुहर लगाने के लिए अनुमोदन का प्रस्ताव रखा, जिसका उपस्थित सभी पार्टी जनों ने समर्थन किया. इसके साथ ही नीतीश पार्टी के विधिवत राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए.

नीतीश को गत 10 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था.

नीतीश कुमार ने बैठक में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “भाजपा के साथ चलना कठिन था, इसलिए हमने उनके साथ गठबंधन तोड़ने का निर्णय लिया.” उन्होंने कहा कि भाजपा का नया रूप अब किसी भी तरह से मंजूर नहीं है.

पार्टी अध्यक्ष ने कहा, “जब अपने सिद्धांतों को लेकर हमलोग अलग हुए थे, तब लोगों ने क्या-क्या नहीं कहे. यहां तक कहा गया कि अब हमलोगों का राजनीतिक अस्तित्व ही समाप्त हो गया है.”

प्रधानमंत्री पद को लेकर चल रही बहस पर नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा, “मैं इस पद का दावेदार नहीं हूं, जिसे बनना होगा वो बन जाएगा. दावेदार कभी प्रधानमंत्री नहीं बनते हैं. मैंने प्रधानमंत्री पद को लेकर दावा नहीं किया है और जिसे बनना होगा, उसे कोई भी रोक नहीं पाएगा.”

बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “हमें हराने के लिए विरोधियों ने पूरी ताकत लगा दी, लेकिन बिहार की जनता ने जबरदस्त सफलता दिलाई. चुनावों में ‘जंगलराज’ कहकर प्रचार किया गया. राष्ट्रीय जनता दल, जदयू गठबंधन से भी विरोधियों को बहुत परेशानी है.”

उन्होंने कहा, “महागठबंधन की रणनीति से बिहार में भाजपा चारों खाने चित हुई है और देश में भी इसी रणनीति से चित होंगे.”

नीतीश ने ‘संघ मुक्त भारत’ बनाने के लिए समान विचारधारा वाले पार्टियों को एकजुट होने का आह्वान किया.

बिहार में शराबबंदी की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने महिलाओं से जो वादा किया था, वह पूरा कर दिया. जल्द ही शराबबंदी अभियान को लेकर अलग-अलग राज्यों में जाएंगे.”

नीतीश कुमार के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि पार्टी में अब इन्कलाब लाने की जरूरत है. इसके लिए अगले 15 दिनों में इसका खाका तैयार कर लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि पार्टी को अगर वाजिब रास्ता पकड़ना है तो पुरखों के विचारों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाना होगा. उन्होंने अपने अध्यक्ष काल में सहयोग देने के लिए सभी पार्टीजनों को धन्यवाद दिया.

शरद ने कहा कि जदयू ही एक ऐसी पार्टी है जो सामाजिक न्याय की विचारधारा का पालन करती है.

उन्होंने कहा कि नीतीश को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने से भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट करने में आसानी होगी और यह एकता देश में राजनीतिक विकल्प के द्वार खोलेगी.

बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया.

पटना के श्रीष्ण मेमोरियल हॉल में जारी जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक में 28 राज्यों के करीब 600 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक में पार्टी के तमाम दिग्गज नेता भी शामिल हुए.

जदयू के एक नेता ने बताया कि इस बैठक में देश के राजनीतिक हालात और राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति बनाने पर विचार हुआ.

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश के सात निश्चय सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रासंगिक हैं. जदयू के नेतृत्व के लिए नीतीश से बेहतर कोई विकल्प नहीं है.

बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने नीतीश कुमार को पार्टी अध्यक्ष बनने पर बधाई दी.

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