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एक मार्च को नीतीश का बिहार बंद

पटना | एजेंसी: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष राज्य का दर्जा देने के मामले में केन्द्र सरकार पर भेदभावपूर्ण राजनीति करने का आरोप लगाते हुए तथा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर अगामी एक मार्च को बिहार बंद का आह्वान किया है

वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने इसी मुद्दे को लेकर 28 फरवरी को बिहार में ‘रेल रोको’ की घोषणा की है.

बिहार विधानसभा परिसर में शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बिहार बंद का आह्वान करते हुए कहा कि एक ओर सीमांध्र को कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के कहने पर एक दिन में विशेष राज्य का दर्जा दे दिया जाता है जबकि तमाम आंदोलनों और बिहार की जनआकांक्षाओं के बावजूद बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया.

उन्होंने कहा, “वे सीमांध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के खिलाफ नहीं हैं परंतु केन्द्र सरकार की भेदभावपूर्ण नीति के खिलाफ हैं. बिहार के मामले को नजरअंदाज किया गया जो बिहार के साथ धोखा है.”

उन्होंने एक मार्च को सभी दलों और सभी वर्गो से इस बंद को सफल बनाने की अपील करते हुए कहा, “हम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, कोई भीख नहीं मांग रहे हैं. देश के समावेशी विकास के लिए यह जरूरी है कि सभी राज्यों को विकास के अवसर दिए जाएं.”

उन्होंने बंद के दिन सार्वजनिक हड़ताल करने का आह्वान करते हुए कहा कि उस दिन ऐतिहासिक बिहार बंद होगा. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग विशेष दर्जा की मांग को लेकर अडिग हैं.

इधर, भाजपा के नेता सुमो ने कहा कि विशेष राज्य के मुद्दे को लेकर भाजपा अगामी 28 फरवरी को पूरे बिहार में रेल रोको आंदोलन करेगी. उनका मामना है कि रेल केन्द्र सरकार के तहत आती है.

उन्होंने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से उस दिन रेल रोकने का आह्वान किया. एक ही मुद्दे पर अलग-अलग बंद की तिथि के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अगर बंद कराना था तो सभी पर्टियों से पहले विचार-विमर्श कर लेते. उसके बाद तिथि घोषित करते.

उल्लेखनीय है कि बिहार को विशेष राज्य की मांग को लेकर पटना और दिल्ली में जद (यू) रैली कर चुकी है तथा कई स्तर पर आंदेालन कर चुकी है.

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