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मलाला की चाह, मिले मोदी-नवाज़

लंदन | समाचार डेस्क: नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजी गई मलाला युसफजई चाहती हैं कि उनके पुरस्कार ग्रहण समारोह में मोदी तथा नवाज़ शरीफ़ दोनों आयें. इसके लिये नोबेल विजेता मलाला युसफजई ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से आवहा्न किया है कि वे मलाला के नोबेल शांति पुरस्कार प्रहण करते समय उपस्थित रहें. गौरतलब है कि शुक्रवार को नोबेल समिति ने घोषणा की थी कि वर्ष 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार भारत में बचपन बचाओँ आंदोलन चलाने वाले कैलाश सत्यार्थी तथा पाकिस्तान की नाबालिग लड़की मलाला युसुफजई को दिया जायेगा.

उल्लेखनीय है कि मलाला ने पाकिस्तान में तालिबान के फरमानों को अनसुना कर लड़कियों के शिक्षा के लिये आवाज़ उठाई थी. तालिबान ने इसके जवाब में उन्हें गोलियों से मारने की कोशिश की परन्तु मलाला को लंदन में बचा लिया गया. मलाला द्वारा भारत तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को उस वक्त इक मंच पर आमंत्रित किया है जब दोनों देशों के सुरक्षा बल सीमा पर आमने सामने गोलीबारी में जुटे हुए हैं. इसके अलावा भारत तथा पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित सचिव स्तर की वार्ता को भारत ने पाक की हरकतों की वजह से स्थगित कर दिया था.

अमरीका के न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के समय भी मोदी तथा नवाज़ की मुलाकात नहीं हुई जबकि दोनों एक ही शहर में थे. इससे जाहिर है कि दोनों देश फिलहाल वार्ता के मूड में नहीं है. वैसे भी नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही विदेशों से संबंध सुधारने पर बल दिया तथा जापान, चीन, नेपाल और भूटान से व्यापारिक रिश्तों को बढ़वा दिया. इस हालत में प्रधानमंत्री मोदी का पाकिस्तान के साथ वार्ता न करना साफ दर्शाता है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी करना बंद नहीं करता तथा कश्मीर के मुद्दे को आपस में सुलझाने के लिये तैयार नहीं हो जाता तब तक उससे वार्ता संभव नहीं है.

ऐसी हालात में दुनिया के सबसे सम्मानीय शांति पुरस्कार, नोबेल शांति पुरस्कार से नवाज़ी जाने वाली पाकिस्तान की मलाला युसफजई का दोनों को एक मंच पर आमंत्रित करना दुनिया दोनों देशों को एक मौका देता है कि शांति के लिये पहल करे.

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