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सीनेट पर रिपब्लिकन कब्जे से ओबामा परेशान

वाशिंगटन | एजेंसी: अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के अंतिम दो वर्षो कठिनाई भरे हो सकते हैं. इसका कारण है कि मध्यावधि चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने डेमोक्रेटिक पार्टी से कम से कम छह सीटें छीनकर पिछले आठ सालों में पहली बार सीनेट पर कब्जा करने में सफल हो गई है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रपट के मुताबिक, ओबामा और उनकी नीतियों से उपजे अंसतोष के कारण मध्यावधि चुनाव में मंगलवार को रिपब्लिकन पार्टी को उत्तर कैरोलिना में छठी सीनेट सीट पर जीत हासिल हुई. इस सीट पर थॉम टिलिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी सीनेटर के हेगन को हराया.

प्रतिनिधि सभा में पहले से बहुमत में रहे रिपब्लिकन को ऊपरी सदन यानी सीनेट पर कब्जा करने के लिए मंगलवार के मध्यावधि चुनाव 36 में से छह सीटों पर जीत हासिल करने की जरूरत थी. ऊपरी सदन में ओबामा की डेमोकेट्रिक पार्टी के 53 सदस्य हैं, और दो निर्दलीयों के साथ वह 55 सदस्यों के साथ बहुमत में है. जबकि रिपब्लिकन के 45 सदस्य हैं.

सीएनएन के मुताबिक, उत्तरी कैरोलिना के अलावा रिपब्लिकन पार्टी ने कोलोराडो, मोंटाना, साउथ डकोटा, अरकंसास और वेस्ट वर्जीनिया में डेमोकेट्रिक पार्टी की सीटों पर कब्जा जमाया है.

सीएनएन के अनु़सार, रिपब्लिकन पार्टी 435 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा में भी अपनी पकड़ मजबूत करेगी, जहां अभी भी रिपब्लिकन 233-199 से आगे है.

ओबामा बुधवार को परिणामों पर अपना बयान देंगे और शुक्रवार को दोनों पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करेंगे.

रिपब्लिकन नियंत्रित विधायिका और डेमोकेट्र नियंत्रित प्रशासन की विभाजित सरकार से भविष्य में वाशिंगटन में गतिरोध बढ़ सकते हैं.

दूसरी ओर, पर्यवेक्षकों का मानना है कि ऐसी स्थिति, आव्रजन सुधार जैसे मुद्दों पर आगे बढ़ने के लिए दोनों पक्षों को आपसी सूझबूझ से समाधान निकालने को प्रेरित कर सकती है.

सीएनएन द्वारा मंगलवार शाम को दिखाए एग्जिट पोल के अनुसार, मतदाताओं में ओबामा प्रशासन के प्रति असंतोष है.

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