कृषि

8000 करोड़ का प्याज घोटाला

नई दिल्ली | संवाददाता: आसमान छूती प्याज की कीमतो का कारण प्याज घोटाला है. यह करीब 8,140 करोड़ की ऊपरी कमाई का मामला है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. बारिश के कारण प्याज की फसल में पांच फीसदी की ही कमी हुई है जबकि इसकी कीमत कई गुना बढ़ गई है.

देशभर में जब कोल घोटाले की गुम फाइलो को लेकर हंगामा हो रहा है उसके बीच में 8,140 करोड़ के प्याज घोटने की खबर दब गई है परन्तु खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. यह घोटाला किया गया है जमाखोरों के द्वारा लेकिन अभी तक उन पर समुचित कार्यवाही कर जनता को राहत दिलाने का काम नही किया गया है. इसे यह माना जाना चाहिये कि सरकार द्वारा राजधर्म का पालन नही किया जा रहा है.

उदाहरण के तौर पर देखे तो इस वर्ष जून माह में महाराष्ट्र के पिंपलगांव मंडी में प्याज का अधिकतम कीमत था 17,000 रुपये प्रतिटन. जबकि प्याज का इस वर्ष जून माह तक देश में कुल 27.50 लाख टन का भंडारण किया गया था. इस 27.50 लाख टन को यदि भंडारण तथा परिवहन खर्च को जोड़ने के पश्चात 20 फीसदी मुनाफे पर बेचा जाये तो इसकी कीमत 7,260 करोड़ रुपये होनी चाहिये थी.

हैरत करने वाली बात यह है कि पिंपलगांव मंडी से प्याज दो दिन पहले 56,000 रुपये प्रति टन के हिसाब से बेचा गया. जिससे देश के व्यापारियों को करीब 15,400 करोड़ रुपये मिले. इस प्रकार जमाखोर व्यापारियों ने पिछले चार महीनो में 8,140 करोड़ रुपये अतिरिक्त कमाये. जिसका भुगतान आम आदमी ने किया.

यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि किसानो से प्याज 10-15 रुपये प्रतिकिलो खरीदा जाता है. जिसे थोक मंडियों से 50-60 रुपये प्रतिकिलो की दर पर बेचा जाता है. खुदरा बाजार में यही प्याज 80-100 रुपये प्रतिकिलो के भाव से बेचा जा रहा है. प्रस्तुत घोटाले के आकड़े सिर्फ थोक बाजार के हैं. खुदरा व्यापारियों ने जो कमाया वह अलग है.

केवल चार माह में ही यदि 8,140 करोड़ रुपयों का प्याज घोटाला हुआ है तो यह आकड़ा साल भर में 24,420 करोड़ तक पहुंच जायेगा.

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