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पीएमजीएसवाई में नहीं बनीं 402 सड़कें

रायपुर | डेस्क: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना छत्तीसगढ़ में कछुआ चाल चल रही है. आवंटन से दुगना खर्च करने के बाद भी एक तिहाई सड़कें अधूरी पड़ी हुई हैं. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बेटे और राजनांदगांव के सांसद अभिषेक सिंह के सवाल के जवाब में यह तथ्य गुरुवार को संसद में सामने आया.

सांसद अभिषेक सिंह के सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना यानी पीएमजीएसवाई दिशा निर्देशों के अनुसार 10,191 बसावटें पात्र पाई गई थीं, जिनमें से 402 बसाहटों को अभी भी सड़क से जोड़ा जाना बचा हुआ है.

मंत्री ने बताया कि 2015-16 में 498 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था लेकिन राज्य ने इस पर 778.80 करोड़ रुपये खर्च कर दिये. इसी तरह 2016-17 में राज्य को 718 करोड़ रुपये आवंटित किये गये, जिसमें से 432.92 करोड़ रुपये खर्च किये गये. लेकिन अगले साल यानी 2017-18 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मद में 338.955 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. दूसरी ओर राज्य ने इस मद में 722.39 करोड़ खर्च कर दिये.

मंत्री रामकृपाल यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 326 परियोजनाओं का काम निर्धारित कार्यक्रम से पीछे चल रहा है. इन 326 परियोजनाओं की लंबाई 1359.5 किलोमीटर है. इसके अलावा कम से कम 65 पूल ऐसे हैं, जिनका निर्माण कार्य अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है. हालांकि सरकार ने सभी सड़कों और पुलों को मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

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