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बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण

बालासोर | एजेंसी: भारत ने सोमवार को ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर में समुद्र में स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से सतह से सतह पर मार करने वाली स्वदेशी तकनीक से निर्मित मिसाइल पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया. इस बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है. मिसाइल का परीक्षण सुबह 9.20 बजे स्ट्रेटजिक फोर्सेस कमांड (एसएफसी) की मिसाइल इकाई द्वारा नियमित प्रशिक्षण अभ्यास के हिस्से के रूप में किया गया.

परीक्षण केंद्र के निदेशक एम. वी. के. वी. प्रसाद ने बताया, “मिसाइल बंगाल की खाड़ी में पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर बिल्कुल सटीक तरीके से पहुंची. परीक्षण शत प्रतिशत सफल रहा.”

पृथ्वी स्वदेशी तकनीक से विकसित पहली बैलिस्टिक मिसाइल है. यह भारत की ‘एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम’ के अंतर्गत विकसित की जा रही पांच मिसाइलों में से एक है. मात्र 483 सेंकेंड में 43.5 किलोमीटर की ऊंचाई तय करने वाली मिसाइल में 500 किलोग्राम मुखास्त्र ढोने की क्षमता है.

यह मिसाइल दुनिया के किसी भी समकक्ष मिसाइल के बराबर घातक प्रभाव वाली है. वैज्ञानिकों ने कहा कि इसकी मारक क्षमता का नमूना उड़ान परीक्षणों में कई बार देखा जा चुका है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रवक्ता रवि कुमार गुप्ता ने इसे सटीक प्ररीक्षण बताया.

उन्होंने कहा, “मिसाइल ने परीक्षण के लिए तय किए गए सभी तकनीकी मापदंडों को हासिल किया और अपने लक्ष्य को भेदा.”

एसएफसी के प्रवक्ता ने कहा, “इस तरह के सफल प्रशिक्षण परीक्षण स्पष्ट रूप से किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने की हमारी तैयारी को दर्शाता है. इसके साथ ही यह भारत के सामरिक शस्त्रों की प्रतिरोधक क्षमता की विश्वसनीयता को स्थापित करता है.”

सोमवार को पृथ्वी-2 के परीक्षण में सैन्य अधिकारियों सहित डीआरडीओ के प्रमुख वैज्ञानिक मौजूद थे. रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने पृथ्वी-2 की टीम को सफलता पर बधाई दी है.

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