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मोदी का ‘टेक इन इंडिया’: राहुल

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ अभियान असल में ‘टेक इन इंडिया’ है. इसमें किसानों और मजदूरों के लिए कोई जगह नहीं है. राहुल ने कहा कि मोदी के मेक इन इंडिया में “मजदूरों-किसानों के लिए नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए जगह है जिनसे मोदी मिलते हैं, बातें करते हैं. हम ऐसा इंडिया नहीं चाहते. यह ‘मेक इन इंडिया’ नहीं है. यह मोदी का ‘टेक इन इंडिया’ है.”

कांग्रेस ने यह रैली भूमि अधिग्रहण विधेयक पर ‘जीत’ के मद्देनजर बुलाई थी. राजग सरकार तीन बार भूमि अधिग्रहण विधेयक लेकर आई, लेकिन संसद में इसे पारित नहीं करा सकी. विपक्ष ने इस विधेयक को किसान विरोधी करार देते हुए इसे पारित नहीं होने दिया.

राहुल ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर यह ‘जीत’ पहले किसानों की है, बाद में कांग्रेस की है. उन्होंने कहा कि अब वह मजदूरों के मुद्दों पर सरकार का सामना करेंगे.

राहुल ने कहा कि मोदी सिर्फ सूट-बूट वालों की सुनते हैं. वह किसानों, युवाओं से बात नहीं करते. वह नौकरशाहों, व्यापारियों से बात करते हैं.

राहुल ने मोदी के गृह राज्य गुजरात के अलंग में जहाज तोड़ने के संस्थान का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वहां के कामगारों का ‘रसायन से भरा शरीर’ मरने के बाद ठीक से जल भी नहीं पाता है. मरने के बाद भी उन्हें सम्मान नहीं मिल पाता.

राहुल ने कहा कि मोदी ने कहा है कि वह भूमि अध्यादेश को खत्म हो जाने देंगे. उन्होंने कहा, “लेकिन मैं मोदीजी को जानता हूं. वह जो कहते हैं, उसे करते नहीं हैं.”

राहुल ने कहा कि मोदी ने कहा है कि वह कांग्रेस शासनकाल के भूमि अधिग्रहण विधेयक को खत्म नहीं करेंगे. और, इसी के साथ उन्होंने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे उस भूमि विधेयक के अनुरूप ही काम करें, जिसे संसद ने पारित नहीं किया है.

राहुल ने का, “भूमि विधेयक के खिलाफ संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. यह लड़ाई लोकसभा-राज्यसभा की नहीं है. यह विधानसभा की है. कांग्रेस हर राज्य में इसके खिलाफ लड़ेगी.”

उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष किसानों के भविष्य और उनके सम्मान का संघर्ष है.

राहुल ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक किसान ने उनसे कहा था कि जिस जमीन पर वह किसानी करते हैं, वह उनके लिए मां जैसी है.

उन्होंने कहा, “उस किसान ने मुझसे कहा था कि मोदी सिर्फ हमारी जमीन ही नहीं छीन रहे हैं, बल्कि वह हमारी मां को हमसे छीन रहे हैं. वह हमसे हमारी मां को छीनकर किसी और को सौंप देना चाहते हैं. कृपया हमारे लिए संघर्ष कीजिए. उस दिन मुझे अहसास हुआ कि यह लड़ाई सिर्फ जमीन की नहीं बल्कि दिल की, सम्मान की, किसानों के भविष्य की है. कांग्रेस आपके साथ खड़ी है.”

राहुल ने कहा, “एक तरफ वे आपकी जमीनें छीनना चाहते हैं और दूसरी तरफ अधिकार. अंत में आपको कुछ नहीं मिलेगा. उनके दो-तीन चुने हुए दोस्तों को ही अंत में सब कुछ मिलेगा. हम आपकी लड़ाई लड़ेंगे. आपने देखा कि आपकी जमीन के लिए हमने क्या किया. हम मजदूरों के लिए भी यही करेंगे.”

राहुल ने कहा कि मोदी सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के वादे से मुकर गई है. उन्होंने कहा कि इस साल के शुरू में ओलावृष्टि से जब फसलें तबाह हुईं, तो मोदी सरकार ने किसानों की कोई मदद नहीं की.

राहुल ने कहा, “मैं मोदीजी से कहना चाहता हूं. किसानों की बात सुनिए, उनके घर जाइए, उनका हाथ थामिए और उनकी मदद कीजिए.”

राहुल ने कहा कि महात्मा गांधी भी सूट-बूट पहनते थे. लेकिन बाद में उन्होंने सादा जीवन अपना लिया और लोगों के बीच रहने लगे. आखिर में उनके पास कुछ खास सामान नहीं बचा था.

राहुल ने कहा, “मोदीजी को देखिए. वह रोजाना नए कपड़े पहनते हैं. वह 15 लाख का सूट पहनते हैं. जितना वह आपसे दूर जाते हैं, उतना ही अच्छा कपड़ा पहनते हैं.”

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