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रेल बजट: भाड़ा-किराया नहीं बढ़ा

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को लोकसभा में रेल बजट पेश किया. उन्होंने यात्री किराये में किसी तरह की वृद्धि न करते हुए इस दौरान यात्रियों की जरूरत और रेल संपर्क के दीर्घकालिक हितों में संतुलन बिठाने का वादा किया, ताकि यह गुणवत्ता, सुरक्षा और पहुंच के लिहाज से विश्व स्तरीय उद्यम बन सके. नौ हाई-स्पीड रेलगाड़ियां, मौजूदा रेलगाड़ियों की रफ्तार में वृद्धि, 400 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा, ऊपरी बर्थ पर जाने के लिए यात्रियों के अनुकूल सीढ़ियां, गैर-आरक्षित टिकटों के लिए सरल मानक, 17,000 जैविक-शौचालय, पूर्वोत्तर में बेहतर रेल संपर्क और महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा बजट के मुख्य बिंदुओं में हैं.

प्रभु ने लोकसभा में अपने 66 मिनट के बजट भाषण के दौरान कहा, “यात्री किराये में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी. हम साफ-सफाई सहित यात्रियों की सुविधाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित करेंगे.”

उन्होंने मालवाहक रेलगाड़ियों के किराये में कमी या वृद्धि का जिक्र नहीं किया.

रेल मंत्री ने रेल राजस्व में वृद्धि के लिए 90 फीसदी से कम संचालन अनुपात प्रस्तावित किया. रेलवे का संचालन अनुपात पिछले पांच साल में 90 फीसदी से अधिक रहा है.

लोकसभा में 2015-16 का रेल बजट पेश करते हुए प्रभु ने कहा, “मैंने संचालन अनुपात 88.5 फीसदी रखने का प्रस्ताव रखा है-जो कि 2014-15 के लक्षित 92.4 फीसदी और हासिल 91.8 फीसदी से कम है.”

वैश्विक रूप से 75 से 80 फीसदी या कम संचालन अनुपात को सबसे सटीक माना जाता है, लेकिन इस लिहाज से भारतीय रेल की स्थिति खराब है.

प्रभु भारतीय रेल की जमीन और अन्य संपत्तियों की बिक्री की संभावना को भी खारिज करते दिखे.

उन्होंने कहा, “हम धन के लिए अपने संसाधन को बेचेंगे नहीं, बल्कि उसका दोहन करेंगे. पहले की तरह ही कामकाज करने के लिए वित्त मंत्रालय से बजट की मांग करना न ही वहनीय और न आवश्यक है.”

रेल मंत्री ने कहा, “पिछले कुछ दशकों में रेल सुविधाओं में संतोषजनक सुधार नहीं हुआ है, जिसकी वजह उचित निवेश न होना है. इससे रेलवे की क्षमता प्रभावित हुई है और मनोबल कम हुआ है.”

उन्होंने कहा कि वित्तीय कमी के कारण सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण सेवा, उच्च मानक और कुशलता प्रभावित हुई है.

प्रभु ने कहा, “इसे समाप्त करना होगा. हमें भारतीय रेल को सुरक्षा और आधारभूत संरचना के लिहाज से प्रमुख संस्था बनाना होगा.”

उन्होंने भारतीय रेलवे में बदलाव के लिए चार लक्ष्य तय किए- यात्रियों के अनुभव में सुधार, सुरक्षित यात्रा, आधुनिक आधारभूत संरचना और वित्तीय आत्म वहनीयता.

प्रभु ने कहा, “हम साफ-सफाई के लिए एक अलग विभाग का गठन करेंगे.”

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