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रेल नीर से सावधान

रायपुर | संवाददाता: रेलवे में बिकने वाला बोतलबंद पानी रेल नीर खतरनाक हो सकता है. छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी जांच के बाद यह दावा किया है कि रेलवे द्वारा बेचा जाने वाला रेल नीर अमानक है.

रेलवे में बिकने वाले बोतलबंद पानी की गड़बड़ी को लेकर पहले भी शिकायत उठते रहे हैं. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी आईआरसीटीसी से लेकर रेलवे के स्थानीय अधिकारियों तक अपनी पहुंच के बल पर अमानक सामग्री बेचने के किस्से आम हैं. अब इसमें ‘रेल नीर’ भी शामिल हो गया है.

दिलचस्प ये है कि राज्य सरकार से जांच करने की मांग रेलवे ने ही की थी और इस जांच की इस रिपोर्ट को पिछले महीने की 10 तारीख को ही साउथ इस्ट सेंट्रल रेलवे के हेल्थ इंस्पेक्टर को सौंपा गया था. लेकिन यह पत्र फाइलों में दबा दिया गया और साउथ इस्टर्न सेंट्रल रेलवे यानी एसईसीआर ने इस संबंध में आईआरसीटीसी या रेल मुख्यालय को जानकारी देने की जरुरत तक नहीं समझी. अब जबकि मामला सार्वजनिक हो चुका है, तब रेलवे के अधिकारी पत्र लिखने की बात कह रहे हैं.

राज्य सरकार के खाद्य एवं औषधि विभाग को रेलवे के हेल्थ इंस्पेक्टर की ओर से 20 जुलाई को ‘रेल नीर’ की एक सिलबंद बोतल भेजी गई थी. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी आईआरसीटीसी द्वारा उत्पादित इस बोतल पर निर्माण की तारीख 22 जून दर्ज़ है और इसे अगले छह महीने तक उपयोग में लाये जाने की सूचना भी बोतल पर अंकित है.

राज्य सरकार ने जब अपनी प्रयोगशाला में इस बोतलबंद रेल नीर की जांच की तो पता चला कि बोतलबंद पानी अमानक है.

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