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झोलाछाप डॉक्टरों पर जल्द होगी कार्रवाई

रायपुर | एजेंसी: रायपुर जिले में एक हजार से अधिक झोलाछाप डॉक्टर आम लोगों के जीवन से रोजाना खिलवाड़ भी कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर रायपुर जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने इन सभी का बही-खाता तैयार कर लिया है, कार्रवाई जल्द ही शुरू के संकेत मिले हैं.

करीब 60 झोलाछाप डॉक्टरों ने नर्सिग होम एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन आवेदन किया था, जिन्हें खारिज किया जा चुका है. कई तो ग्रामीण इलाकों में नर्सिग होम भी संचालित कर रहे हैं.

रायपुर के सीएमएचओ डॉ. के.आर. सोनवानी ने बताया कि एक हजार से अधिक झोलाछाप डॉक्टरों का बही-खाता तैयार किया जा चुका है. कार्रवाई की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है, जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि एक्ट में एफआईआर तक का प्रावधान है. नर्सिग होम एक्ट के तहत भी जांच जारी है. इस बीच 150 क्लीनिक और 12 नर्सिग होम की जांच पूरी कर ली गई है.

बताया जा रहा है कि झोलाछाप क्लीनिक संचालकों की धर-पकड़ की कार्रवाई सीएमएचओ, सिविल सर्जन और आयुर्वेद डॉक्टर एक साथ करेंगे. इनके क्लीनिक का वेरीफिकेशन कर मौके पर ही नोटिस जारी कर दिया जाएगा.

नर्सिग होम एक्ट के तहत क्लीनिक और नर्सिग होम के निरीक्षण के लिए पहुंची टीम पर संचालकों ने दबाव बनाने की कोशिश की है. बात जब झोलाछाप के विरुद्ध कार्रवाई की है तो इसमें पुलिस की भी मदद ली जाएगी. इसके लिए सीएमएचओ रायपुर से जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा जा रहा है कि वे संबंधित थाना प्रभारी को कार्रवाई में साथ रहने के निर्देश दें.

जानकारी के मुताबिक, 21 जनवरी से 22 फरवरी तक कुल 150 क्लीनिक और 12 नर्सिग होम की नर्सिग होम एक्ट के तहत जांच की जा चुकी है. जांच के दौरान ढेरों कमियां पाई गई हैं.

गौरतलब है कि 20 मई तक सभी नर्सिग होम की जांच पूरी करने का लक्ष्य है. ऑनलाइन आवेदन में झोलाछाप द्वारा भी फर्जी आवेदन करने का खुलासा हुआ है.

सूत्रों के मुताबिक, इनमें से अधिकांश झोलाछाप क्लीनिक राजधानी रायपुर के उरला, भनपुरी, गुढ़ियारी, टिकरापारा और शहर के स्लम इलाकों में संचालित हो रहे हैं.

बहरहाल, छत्तीसगढ़ की राजधानी में ही जब झोलाछाप डॉक्टर बड़ी संख्या में सक्रिय हैं तब समूचे प्रदेश में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

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