कलारचना

क्षेत्रीय नाट्य विद्यालयों की जरूरत: नसीरुद्दीन

नई दिल्ली | एजेंसी: जाने माने फिल्म एवं रंगमंच कलाकार नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालयों (एनएसडी) जैसे बड़े संस्थानों की अपेक्षा क्षेत्रीय नाट्य विद्यालयों को बढ़ावा देने की जरूरत है.

एनएसडी के पूर्व छात्र और बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक नसीरुद्दीन ने स्पष्ट किया कि बड़े नाट्य विद्यालय अपने संस्थानों की चार दीवारी में अपने छात्रों को उनके शिल्प से अवगत कराने में असफल रहे हैं.

एक साक्षातकार के दौरान नसीरुद्दीन ने बताया, “हजारों करोड़ों रुपयों से एनएसडी जैसे बड़े संस्थान बनाने की अपेक्षा बेहतर क्षेत्रीय रंगमंचों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है.”

उन्होंने कहा, “एनएसडी के छात्रों का यह दुखद तथ्य है.. असल में रंगमंच करने वालों को प्रतिशत बहुत कम है, क्योंकि वे उस तरह की रियायती परिस्थतियों में रहते हैं. एक बार जब वे बाहर निकलते हैं और परिस्थिति की वास्तविकता देखते हैं तो वे कोई रंगमंच नहीं कर पाते.”
नसीरुद्दीन के मुताबिक, रंगमंच साक्षरता क्षेत्रीय रंगमंचों को पनपने में मदद कर सकती है.

उन्होंने कहा, “दक्षिण में क्षेत्रीय रंगमंच चल रहे हैं, पश्चिम बंगाल में भी चल रहे हैं और विस्तार भी कर रहे हैं.. थोड़ा बहुत लखनऊ में चल रहा है. यहां लाखों रूप हैं, लेकिन उनमें से कोई भी भारतीय रंगमंच के तौर पर श्रेणीबद्ध नहीं हो सकता.. ये केवल क्षेत्रीय रंगमंच हैं.”

नसीरुद्दीन, टॉम अल्टर और बेंजामिन गिलानी ने 1977 में ‘मोटले थिएटर ग्रुप’ बनाया था. जो लाहौर में है.

रंगमंच पर युवाओं की बढ़ती भागीदारी को लेकर नसीरुद्दीन काफी रोमांचित हैं. उन्होंने कहा, “अपने दर्शकों में युवाओं को देखने से खुशी होती है और बहुत से युवा लोग रंगमंच में हैं और रंगमंच करने का प्रयास कर रहे हैं, यह अद्भुत हैं.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!