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संभाजी भिडे के प्रशंसक रहे हैं मोदी

नई दिल्ली | संवाददाता: भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा में जिन संभाजी भिडे का नाम सामने आया है, उनके प्रशंसकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहे हैं. कई अवसरों पर प्रधानमंत्री ने संभाजी भिडे यानी भिडे गुरुजी की प्रशंसा की है.

गौरतलब है कि कोरेगांव में 200 साल पहले पेशवाओं और अंग्रेज़ों के बीच की लड़ाई की स्मृति में दलित संगठनों ने एक आयोजन किया था. आरोप है कि हिंदु संगठनों ने इस भीड़ पर हमला कर दिया, जिसके बाद भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में संभाजी भिडे के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

80 साल के संभाजी भिडे को श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान का संस्थापक बताया जाता है. सतारा जिले के सबनिसवाड़ी गांव के रहने वाले भिडे ने एमएससी तक की पढ़ाई की है. नंगे पैर रहने वाले भिडे के परिवार की पृष्ठभूमि संघ की रही है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता रहे मनोहर उर्फ संभाजी भिडे ने संघ से विवाद के बाद 1984 में अपना समानांतर संगठन श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान बनाया और हिंदू जागरुकता का काम करने लगे. उनका लक्ष्य छत्रपति शिवाजी की तरह पूरे देश को हिंदूत्व में रंगने की रही है. इसके लिये उन्होंने हिंदुओं को जागृत करने, उन्हें शिक्षित करने के कई उपक्रम चलाये हैं.

प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान संभाजी भिडे से मुलाकात की थी और बाद में अपने भाषणों में कहा था कि मैं भिडे गुरु जी का बहुत आभारी हूं क्योंकि उन्होंने मुझे निमंत्रण नहीं दिया बल्कि उन्होंने मुझे हुक्म दिया था. मैं भिडे गुरु जी को बहुत सालों से जानता हूं और हम जब समाज जीवन के लिए कार्य करने के संस्कार प्राप्त करते थे तब हमारे सामने भिडे गुरु जी का उदाहरण प्रस्तुत किया जाता था. अगर कोई भिडे गुरु जी को बस पर या रेल के डिब्बे में मिल जाए तो कल्पना नहीं कर सकता कि ये कितने बड़े महापुरुष हैं, कितने बड़े तपस्वी हैं, अंदाज़ा नहीं कर सकता है.

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