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वार्डन ने उतरवाये 40 छात्राओं के कपड़े

सागर | संवाददाता: हॉस्टल परिसर में उपयोग किया हुआ सेनेटरी पैड मिलने से नाराज हॉस्टल वार्डन ने 40 छात्राओं के कपड़े उतरवा दिये. मामला मध्यप्रदेश के डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के हॉस्टल का है. घटना के सामने आने के बाद से अभिभावकों में रोष है. अभिभावकों ने हॉस्टल वार्डन को हटाये जाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

इस घटना के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ विश्वविद्यालय कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा.

जिन हॉस्टल वार्डन प्रोफेसर चंदा बेन के निर्देश पर लड़कियों के कपड़े उतार कर जांच करने की शर्मनाक कार्रवाई हुई है, वे हिंदी विभाग की प्रोफेसर होने के अलावा महिला उत्पीड़न कमेटी की अध्यक्ष भी हैं.

छात्राओं के अनुसार रानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स हॉस्टल के एक बाथरुम में उपयोग किया हुआ एक सेनेटरी पैड पड़ा हुआ था. जिस पर हॉस्टल वार्डन ने आपत्ति की. इसके बाद हॉस्टल वार्डन ने केयरटेकर को एक-एक लड़की की जांच के निर्देश दिये. इसके बाद सभी लड़कियों के कपड़े उतरवा कर उनके मासिक धर्म चेक किये गये कि इस सेनेटरी पैड का उपयोग किसने किया था. इस शर्मशार करने वाली घटना को लेकर लड़कियां दो दिन तक डरी-सहमी रहीं. इसके बाद रविवार को लड़कियों ने कुलपति से मिल कर पूरे मामले की शिकायत की.

इस घटना के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति आरपी तिवारी ने कहा कि इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. मैंने छात्राओं से कहा है कि वे मेरी बेटियों जैसी हैं. मैंने इस घटना के लिये उनसे माफी मांगी है.

कुलपति आरपी तिवारी ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जायेगी और हॉस्टल वार्डन अगर दोषी हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

कुलपति ने रविवार के शाम को ही हॉस्टल पहुंच कर केयर टेकर इंदू को तत्काल प्रभाव से हॉस्टल से हटाने के निर्देश जारी किये. दूसरी ओर आरोपी हॉस्टल वार्डन चंदा बेन ने कहा है कि वे लड़कियों को हॉस्टल में गंदगी होने पर जरुर डांटती हैं. लेकिन हॉस्टल में रहने वाली 187 लड़कियों में से किसी ने भी कभी मेरे खिलाफ शिकायत नहीं की है. मैं लड़कियों को बीमार होने से बचाने के लिये हर संभव कोशिश करती हूं. उन्होंने सेनेटरी पैड मिलने और छात्राओं के कपड़े उतरवाने की बात से इंकार किया है.

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