कलारचना

मम्मी को है मेरे काम से नाराज़गी: सोहा

मुंबई | एजेंसी: अभिनेत्री सोहा अली खान का कहना है कि उनकी माँ शर्मिला टैगोर उनके करियर की चुनाव से अभी तक नाराज़ है.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री हासिल करने के बावजूद सोहा ने अपनी मां अभिनेत्री शर्मिला टैगोर की तरह अभिनय को अपना करियर चुना. लेकिन वह कहती हैं कि उनकी मां उनके पेशे के चुनाव से खुश नहीं हैं, शर्मिला चाहती थीं कि उनकी बेटी वकील बने.

सोहा ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से परास्नातक की डिग्री भी हासिल की है. उन्होंने 2004 में फिल्म ‘दिल मांगे मोर’ से हिंदी फिल्म जगत में कदम रखा. उनकी ज्यादातर फिल्में बॉक्सऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं लेकिन ‘रंग दे बसंती’ और ‘साहब, बीवी और गैंग्स्टर रिटर्न्सब’ जैसी फिल्मों में उनके काम को सराहा गया.

सोहा ने बताया, “मेरी मां अब तक मेरे काम से खुश नहीं हैं. यहां तक कि हर रविवार वह मुझे फोन करती हैं और कहती हैं कि तुम अब भी वकील बन सकती हो, ज्यादा देर नहीं हुई है. तुम्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय जाना चाहिए, तुमने इतनी पढ़ाई की और उसका उपयोग नहीं कर रही हो.”

सोहा ने कहा, “मुझे उन्हें समझाना पड़ता है कि मैं जो कर रही हूं, उसमें खुश हूं. लेकिन एक मां होने के नाते वह अपने बच्चे के लिए हमेशा परेशान रहती हैं. उन्हें इस बात की फिक्र है कि मैं अगले 10-20 सालों बाद क्या कर रही होउंगी.”

शर्मिला भले ही सोहा के करियर को लेकर बेहद सशंकित विचार रखती हों, लेकिन अभिनेता कुणाल खेमू के साथ उनके लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बेफिक्र और आश्वस्त हैं.

सोहा ने हिंदी फिल्मों से इतर ‘अंतरमहल’ और ‘इति श्रीकांता’ जैसी बांग्ला फिल्मों में भी काम किया है. वह कहती हैं कि लोग क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को पसंद करते हैं क्योंकि कहानी में ईमानदारी होती है.

सोहा की फिल्म ‘वार छोड़ न यार’ 11 अक्टूबर को सिनेमाघरों में आ रही है, जिसमें उन्होंने अभिनेता शरमन जोशी और जावेद जाफरी के साथ काम किया है.

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